9 दिन के मासूम की जान बचाने के लिए इस सिपाही ने दिया अपना खून, महकमा कर रहा सलाम
वाराणसी। हमेशा चर्चा में रहने वाली उत्तर प्रदेश की पुलिस इस बार मददगार होने की वजह से चर्चा में आई है। यूपी पुलिस ज्यादातर अपने अमानवीय चेहरे को लेकर सुर्खियां बटोरती है, लेकिन इन सबसे अलग उसने यह साबित कर दिया है कि जरूरत पड़ने पर वह संकटमोचन की भी भूमिका निभा सकती है।
रात में गश्त के दौरान दिखा बेबस पिता
हम बात कर रहे हैं वाराणसी के चेतगंज थाने में तैनात सिपाही राकेश सरोज की जो अपनी नाइट शिफ्ट की ड्यूटी के दौरान थाने पर मौजूद थे और इंस्पेक्टर के हमराही होने के कारण देर रात सुरक्षा व्यवस्था देखने के लिए गश्त पर लगे हुए थे। इसी दौरान उन्होंने वाराणसी के चेतगंज थाने के करीब आईएमए बिल्डिंग के बाहर खड़े एक बेबस पिता की उस वक्त मदद की जब उनके महज 9 दिन का बच्चा अपनी जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रहा था। सिपाही राकेश सरोज ने न सिर्फ इस बेसहारा पिता की मदद करते हुए बंद हो चुके आईएमए बिल्डिंग के ब्लड बैंक को खुलवाया, बल्कि उस मासूम की जान बचाने के लिए खुद ब्लड डोनेट किया, जिसके बाद अब चारों ओर इस सिपाही के इस हौसले को सभी सलाम कर रहे हैं।
क्या था पूरा मामला
दरसअल, बिहार के रहने वाले अशफाक 19 जून की रात बिहार के सासाराम से अपने छोटे भाई के बेटे की हालत गंभीर होने के बाद उसे सासाराम से रेफर कराकर वाराणसी के महमूरगंज इलाके के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराकर उसका इलाज शुरू किया। तभी डॉक्टरों ने बच्चे की हालत को देखते हुए उन्हें तत्काल बच्चे को ब्लड चढ़ाने की बात कही। रात करीब ढाई बजे जब अशफाक लहुराबीर स्थित आईएमएम में ब्लड बैंक पहुंचे तो न तो उनके पास कोई ब्लड डोनर था और ना ही उन्हें ब्लड मिलने की संभावना थी। इस बात से मायूस होकर अशफाक आईएमए बिल्डिंग के बाहर सड़कों पर घूम रहे थे।
सिपाही ने अपना खून देकर बचाई मासूम की जान
चेतगंज थाने में तैनात एक दरोगा ने रात के समय में एक व्यक्ति को घूमता देख आवाज लगाई। यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार यह शख्स इतनी रात को क्यों घूम रहा है। शख्स ने अपने आंसू पोंछते हुए दरोगा को आपबीती बताई, जिसके बाद वहां मौजूद सिपाही राकेश सरोज ने तत्काल आईएमए बिल्डिंग के ब्लड बैंक को खुलवाया और उस मासूम की जिंदगी बचाने के लिए ब्लड भी डोनेट किया। इस दौरान उनके साथ ही मौजूद दरोगा ने ब्लड डोनेट करते हुए सिपाही राकेश सरोज की फोटो खींच ली। इसके बाद एक तरफ बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर अब राकेश को सर्वश्रेष्ठ सिपाही जैसे सम्मान से सम्मानित किया गया।