काशी में पावर कट को लेकर योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, डायरेक्टर को डिमोट कर बना दिया इंजीनियर
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बिजली आपूर्ति में लापरवाही बरतने के मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी) अंशुल अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनका डिमोशन कर दिया गया। उन्हें मुख्य अभियंता बना दिया गया है। इससे पहले वह तकनीकी निदेशक थे।
18
घंटे
के
लंबे
पावर
कट
से
बेहाल
हुई
थी
काशी
दरअसल
7
जुलाई
को
पीएम
मोदी
के
संसदीय
क्षेत्र
वाराणसी
में
33/11
केवी
मछोदरी
विद्युत
उपकेंद्र
में
अंडर
ग्राउंड
केबिल
में
फाल्ट
हो
गया
था।
फाल्ट
के
कारण
करीब
18
घंटे
तक
बिजली
गुल
हो
गई।
जिससे
न
सिर्फ
वाराणसी
के
लोगों
को
परेशानियों
का
सामना
करना
पड़ा,
बल्कि
पीएम
मोदी
के
ही
क्षेत्र
में
बिजली
गुल
हो
जाने
से
ऊर्जा
विभाग
की
छवि
भी
धूमिल
हुई।
हद
तो
तब
हो
गई
जब
21
जुलाई
को
एक
बार
फिर
इस
क्षेत्र
में
आई
फाल्ट
के
चलते
36
घंटे
तक
बिजली
दोबारा
गुल
हो
गई।
जांच
के
बाद
हुई
कार्रवाई
शिकायत
के
बाद
ऊर्जा
मंत्री
श्रीकांत
शर्मा
ने
इस
मामले
की
उत्तर
प्रदेश
पॉवर
कॉरपोरेशन
के
स्तर
से
जांच
कराई।
जांच
में
खुलासा
हुई
कि
मछोदरी
उपकेंद्र
को
एक
अन्य
उपकेंद्र
से
वैकल्पिक
विद्युत
आपूर्ति
के
लिए
न
तो
केबिल
को
ठीक
कराया
गया
और
न
ही
7
जुलाई
को
18
घंटे
बिजली
गुल
रहने
के
बावजूद
अंडर
ग्राउंड
केबिल
के
स्टैंड
बाई
सर्किट्स
में
मौजूद
कराकर
चालू
हालत
में
रखा
गया।
जिसके
चलते
ही
वाराणसी
के
लोगों
को
दोबारा
36
घंटे
की
बिजली
कटौती
झेलनी
पड़ी।
लापरवाही
बरतने
पर
हुई
कार्रवाई
ऊर्जा
मंत्री
श्रीकांत
शर्मा
ने
इस
मामले
में
पूर्वांचल
विद्युत
वितरण
निगम
के
निदेशक
(तकनीकी)
अंशुल
अग्रवाल
से
पहले
स्पष्टीकरण
तलब
किया।
फिर
अंशुल
अग्रवाल
को
अपने
अधीनस्थ
अधिकारियों
पर
प्रभावी
नियंत्रण
न
रख
पाने
और
उनकी
लापरवाही
के
चलते
विभाग
की
छवि
धूमिल
करने
के
कारण
तत्काल
प्रभाव
से
निदेशक
पद
से
हटा
दिया
गया
है।