वाराणसी डबल मर्डर: टक्कर मारकर गिराई बाइक, फिर बदमाशों ने गैंगस्टर को निशाना बनाकर बरसाईं गोलियां
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में शुक्रवार की सुबह करीब 10:30 बजे बाइक सवार बदमाशों ने दो युवकों को गोली मार दी। गोली लगने से दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें मौके पर पहुंची पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, इलाज के दौरान दोनों युवकों की मौत हो गई है। वहीं, इस गोलीकांड में एक अन्य शख्स भी घायल हो गया, जिसे मलदहिया स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सरेराह भीड़ भाड़ के बीच इस दुस्साहसिक वारदात को अंजाम देने के बाद बाइक सवार बदमाश आराम से भाग गए।
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वहीं, इस वारदात की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस के साथ ही एसएसपी और आईजी भी मौके पर पहुंच गए। वायरलेस से सूचना प्रसारित कर नाकेबंदी कराई गई और विभिन्न चौराहों पर चेकिंग शुरू करा दी गई। पूरी घटना सीसीटीवी में भी कैद हो गई है। जानकारी के मुताबिक, वारदात जैतपुरा थाना क्षेत्र के चौकाघाट स्थित काली मंदिर के पास की है। यहां लालपुर पांडेयपुर थाना क्षेत्र में निवासी गैंगस्टर अभिषेक सिंह उर्फ प्रिंस गुरुवार सुबह अपने एक साथी दीपक गौड़ के साथ किसी मामले में एक अधिवक्ता से मिलने जा रहा था।
इसी बीच चौकाघाट पानी टंकी के पास पीछे से आए बाइक सवार दो युवकों ने गैंगस्टर अभिषेक सिंह की बाइक को साइड से टक्कर मारकर गिरा दिया। इससे पहले अभिषेक कुछ समय पता बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला दी। भीड़ भाड़ वाले ट्रैफिक के बीच गोली चलते ही अफरातफरी मच गई। अचानक हुई अंधाधुंध फायरिंग में ट्राली चालक बाल्मिकी को भी गोली लग गई। गोली मारकर बाइक सवार बदमाश आराम से उधर ही चले गए जिधर से आए थे। स्थानीय लोगों की सूचन पर सबसे पहले चौकाघाट पिकेट पर तैनात पुलिस पहुंची और तीनों को कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल भेजा गया। जहां संजय और ट्राली चालक बाल्मिकी को मृत घोषित कर दिया गया। हत्या का कारण फिलहाल नहीं पता चल सका है।
एडीजी जोन बृजभूषण ने भी घटनास्थल पहुंचकर जानकारी ली। इस दौरान मृतक अभिषेक के वॉट्सऐप चैटिंग से बड़ा खुलासा हुआ। मृतक का पहले नाम संजय सिंह सामने आ रहा था। लेकिन जब जांच हुई तो असलियत सामने आई। मृतक अभिषेक सिंह को 1 जुलाई 2018 को तत्कालीन क्राइम ब्रान्च प्रभारी विक्रम सिंह और कैंट इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय की टीम ने कैंट स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उस समय उसके ऊपर 15 हजार का इनाम था। कैंट थाने समेत वाराणासी के कई थानों में हत्या, लूट, गैंगस्टर एक्ट जैसे संगीन मामलों में इसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। हत्या के पीछे की वजह भी नारकोटिक्स व असलहों की तस्करी बताई जा रही है।
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