ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे पर आया असदुद्दीन ओवैसी बयान, बोले- वो शिवलिंग नहीं, फव्वारा है
वाराणसी, 17 मई: श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहा वीडियोग्राफी सर्वे का काम 16 मई को पूरा कर लिया गया है। मस्जिद में हुए सर्वे की पूरी रिपोर्ट आज यानी 17 मई दिन मंगलवार को कोर्ट में प्रस्तुत की जानी थी। लेकिन ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि कोर्ट कमिश्नर आज रिपोर्ट जमा करने के और समय मांग सकते हैं। क्योंकि तस्वीर, कई घंटे के वीडियो का पूरा डॉक्यूमेंटेशन अभी पूरा नहीं हो सका है। इस बीच ऐसा दावा भी किया जा रहा है मस्जिद परिसर में सर्वे के दौरान वजू करने वाली जगह पर शिवलिंग मिला है। इस दावे के बाद अब मुस्लिम पक्ष की ओर से भी एक तस्वीर जारी की गई है। तस्वीर जारी कर मुस्लिम पक्ष ने ऐसा दावा किया है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है, वो फव्वारा है। तो वहीं, अब इस विवाद में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी कूद गए है।

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग नहीं फव्वारा मिला है। उन्होंने कहा, ऐसे फव्वारे हर मस्जिद में होते हैं। शिवलिंग मिलने के दावे को नकारते हुए ओवैसी ने एक वीडियो भी जारी किया है। वीडियो में ओवैसी ने बताया कि मस्जिद कमेटी की ओर से बताया गया है कि मस्जिद में शिव लिंग नहीं, फव्वारा था। उन्होंने कहा, हर मस्जिद में फव्वारा होता है। ओवैसी ने कहा, कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर ने शिवलिंग मिलने का दावा अदालत में नहीं किया। लेकिन हिंदू पक्ष के वकील ने कोर्ट में जाकर शिवलिंग मिलने का दावा किया। इस पर कोर्ट ने उस स्थान को सील करने का आदेश दे दिया। ये आदेश 1991 के संसद में बने कानून के खिलाफ है। उन्होंने कहा, अगर मस्जिद में शिवलिंग मिला था तो कोर्ट के कमिश्नर को ये बात बतानी चाहिए थी।
आप भी सुनिए क्या-क्या ओवैसी ने...
मस्जिद कमिटी ने बताया की वो शिव लिंग नहीं, फ़व्वारा था। अगर शिव लिंग मिला था तो कोर्ट के कमिश्नर को ये बात बतानी चाहिए थी।pic.twitter.com/cnBenAHMNT
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 17, 2022
वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर की अंजुमन इंतजामिया कमिटी के संयुक्त सचिव ऐसएम यासीन ने भी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ये उसी जगह की तस्वीर है, जिसे शिवलिंग कह कर प्रचारित किया गया है। उन्होंने बताया कि वो फव्वारा है। इसी फव्वारे को हिंदू पक्ष के लोगों की ओर शिवलिंग बताया जा रहा है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है। उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है।
हिंदू पक्ष ने शिवलिंग मिलने का किया था दावा
वकील दीपक सिंह ने दावा किया है कि 'यह तीसरे दिन का सर्वे था....एक पत्थर मिला, हम दावा कर रहे हैं कि यह शिवलिंग है। यह करीब 3 फीट ऊंचा है। यह उस जगह पर है, जहां मुसलमान वजू करते हैं। उन्होंने दावा किया था कि यह फाउंटेन है, लेकिन सफाई के बाद पाया गया कि यह शिवलिंग है।' वकीलों का कहना है कि उन्होंने कहा है कि शिवलिंग की सुरक्षा के लिए वे अदालत जाएंगे। शिवलिंग के बारे में बताया जा रहा है कि यह 12 फीट/ 8 इंच का है। हिंदू पक्ष के एक और वकील मदन मोहन यादव के दावे के मुताबिक नंदी का चेहरा शिवलिंग की ओर था।
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कोर्ट ने कहा- जिस स्थान पर शिवलिंग मिला, उसे सील करें
उधर, शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी कोर्ट जिला मजिस्ट्रेट, वाराणसी को आदेश दिए गए हैं कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें और सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाए। साथ ही, कोर्ट ने कहा है कि वर्जित स्थान को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने की पूर्ण व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी ज़िला मजिस्ट्रेट वाराणसी, पुलिस कमिश्नर, पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी और सीआरपीएफ कमांडेंट वाराणसी की होगी।