BHU के कोविड-19 अस्पताल से लापता मरीज का मिला शव, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
वाराणसी। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के कोविड अस्पताल से लापता हुए मरीज अजय भारती (25) का शव अस्पताल परिसर के नाले से बरामद हुआ है। शव मिलने के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा। इतना ही नहीं, परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर किडनी निकालने के गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना संक्रमित मरीज अजय एक दिन पहले ही कोविड अस्पताल से लापता हो गया था, जिसका शव अस्पताल परिसर के नाले से बरामद हुआ है।
वाराणसी के डाफी का रहने वाला अयज भारती (25) 12 अगस्त को बीएचयू में ही एक हादसे में घायल हो गया था। उसे इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने 15 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव पाया और बीएचयू सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बने कोरोना वार्ड में शिफ्ट करा दिया। इसी दौरान रविवार को बीएचयू की तरफ से उसके परिजनों को बताया गया कि अजय भाग गया है। इस पर परिजनों ने हंगामा किया और लंका थाने में बीएचयू की शिकायत भी की। लंका पुलिस बीएचयू जांच के लिए भी पहुंची लेकिन कोई खास सुराग नहीं मिला।
सोमवार की सुबह दोबारा अजय के परिजन अस्पताल पहुंच गए और हंगामा किया। इसी बीच देर शाम परिवार को बताया गया कि अजय की लाश अस्पताल के पिछले हिस्से में मिली है। यह सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया। लाश मिलने की जानकारी पुलिस को भी दी गई। पुलिस ने अजय के परिजनों को बुलाकर लाश की शिनाख्त कराई। तो वहीं, बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के अधीक्षक प्रोफेसर एसके माथुर ने वीडियो बयान जारी कर सफाई दी है।
प्रोफेसर माथुर ने कहा है कि कुछ दिन पहले उसे सिर में चोट आने पर उपचार के लिए ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। प्रोफेसर माथुर ने कहा कि उपचार के दौरान उसका कोरोना टेस्ट कराया गया था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे कोविड हॉस्पिटल में ट्रांसफर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि उसकी तबीयत में काफी सुधार भी हुआ था और हम उसके कोरोना निगेटिव होने का इंतजार कर रहे थे। प्रोफेसर माथुर ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि उसने भागने की कोशिश की और इसी दौरान गिरने से सिर में चोट आई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने कहा कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए मोर्चरी भेजा गया है।