चंद्रग्रहण का साया पड़ने से पहले ही की गई मां गंगा की आरती, 27 साल में ये तीसरा मौका
वाराणसी। काशी के गंगा घाट के किनारे होने वाली दैनिक सांध्यकालीन आरती पर चंद्रग्रहण का साया पड़ने से पहले ही दोपहर में मां गंगा की आरती की गई। 27 साल के इतिहास में यह तीसरा मौका है जब मां गंगा की आरती दोपहर में हुई। संयोग की बात ये भी रही कि यह आरती लगातार तीसरे साल भी मां गंगा की आरती दिन में ही की गई। पूर्णिमा के दिन आधी रात बाद 1.31 बजे ग्रहण शुरू होगा जो पूरे भारत मे चंद्र ग्रहण की अवधि 2 घण्टे 59 मिनट और 17 सेकेंड का होगा।
ज्योतिषियों के मुताबिक, हिन्दू परम्परा के अनुसार ग्रहण शुरू होने से 9 घण्टे पहले ही सूतक काल शुरू होता है। ऐसे में काशी के संकटमोचन,गौरीकेदारेश्वर, संकटमोचन के कपाट बंद कर दिए गए हैं। वहीं, दूसरी ओर काशीविश्वनाथ धाम और अन्नपूर्णा देवी का मंदिर रात्रि 10 बजे के बाद बंद किया जाएगा। दूसरी ओर धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक काल में कोई भी धर्मिक कार्य नहीं करना चाहिए।
आचार्य रणधीर एवं गंगा सेवा निधि अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ले बताया कि पिछले दो सालों से मां गंगा की सूतक काल के चलते माँ गंगा की आरती दिन दिन में हो चुकी है।
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