काशी विश्वनाथ मंदिर में अब नहीं चढ़ने दिया जाएगा थैली वाला दूध, न्यास परिषद ने लिए कई ऐसे फैसले
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में अब श्रद्धालु पैकेट वाला दूध नहीं चढ़ा पाएंगे। मंदिर की न्यास परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक में समिति के पदाधिकारियों ने कई और निर्णय भी लिए। यहां रामघाट स्थित मेहता अस्पताल को खरीदने की मंजूरी दे दी गई। जिसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। इसके अलावा मंदिर से निकलने वाले निर्माल्य से अगरबत्ती बनाने की योजना पर भी सहमति बनी। मंदिर के नियमित और आउट सोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन विसंगति को दूर करने के लिए वित्त निदेशक की अध्यक्षता में समिति गठित की गई। दिवाली तक समिति अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी।
संवाददाता के अनुसार, न्यास परिषद के अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने बाबा को पैकेट का दूध चढ़ाने पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद मंदिर की व्यवस्था को लेकर हुए तो कुछ ऐसे फैसले भी हुए, जिनसे श्रद्धालु सीधे जुड़े हुए हैं। मंडलायुक्त सभागार में हुई परिषद की बैठक में पौराणिक मान्यताओं का हवाला देते हुए न्यास परिषद ने गर्भगृह में पैकेट के दूध के इस्तेमाल पर रोक लगा दी। अब जो दूध चढ़ेगा, वह गाय का होगा। फिलहाल भगवान के अभिषेक के लिए मंडी से दूध खरीदा जाएगा।
वहीं, यह भी चर्चा हुई कि अकथा स्थित संकट हरण हनुमान मंदिर के अधिग्रहण के बाद उस परिसर को गौशाला में तब्दील किया जाएगा। वहां गाय पाली जाएंगी और वहीं से मंदिर में दूध लाया जाएगा। बहरहाल, मंदिर के पास कुछ गायें भी हैं, जिनसे तकरीबन पांच लीटर दूध मिल जाता है।
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