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ज्ञानवापी कूप बनेगा काशी विश्वनाथ मंदिर का हिस्सा, फिर दोहराया जाएगा 350 साल पुराना इतिहास

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वाराणसी। पौराणिक ज्ञानवापी कूप और स्‍वयंभू ज्‍योतिर्लिंग विश्वेश्‍वर के समय के विशाल नंदी को काशी विश्‍वनाथ मंदिर के परिक्रमा मंडप का हिस्सा बनने वाला है। काशी विश्वनाथ कारिडोर के निर्माण के तहत करीब 350 साल बाद यह इतिहास दोहराया जाएगा। दरअसल, मुगल बादशाह औरंगजेब ने 18 अप्रैल 1669 को फरमान जारी करके काशी के ज्ञानवापी स्थित तत्कालीन आदिविश्वेश्वर मंदिर को ध्वस्त करने का हुक्म दिया था। जिसके बाद मुगल सेना ने आक्रमण करके मंदिर ध्वस्त उसी स्थान पर मस्जिद बना दी थी।

Gyanvapi well will become part of Kashi Vishwanath temple

ज्ञानवापी परिसर और ज्ञानवापी कूप विश्वेश्‍वर मंदिर का हिस्सा थे, इसका उल्लेख स्‍कंदपुराण के काशी खंड में भी है। महारानी अहिल्‍याबाई के 1780 में बनवाए गए काशी विश्‍वनाथ मंदिर से सटे परिसर में ज्ञानवापी कूप स्थित है। मुगल सेना स्‍वयंभू ज्‍योतिर्लिंग को क्षति न पहुंचा दे, इसलिए उस समय के महंत पन्‍ना के शिवलिंग को लेकर ज्ञानवापी कूप में ही कूदे थे। कूप के पास ही वह विशाल नंदी आज भी विराजमान है जो आदि विश्‍वेश्‍वर मंदिर काल में स्‍थापित रहे और उनका मुंह उसी ओर (मस्जिद के भूतल की ओर) है जहां पुराना मंदिर रहा।

157 जोड़ी खम्भों का होगा उपयोग
प्रोजेक्ट प्रभारी शशिकांत ने बताया कि परिक्रमा मंडप बनाने के लिए मुख्य मंदिर के चारों तरफ बेस तैयार कर लिया गया है। दस फुट चौड़े और छह फुट गहरे सीमेंटेड बेस पर 70 फुट लंबे और 30 फुट चौड़े परिक्रमा मंडप को आकार देने में 157 जोड़ी खम्भों का उपयोग होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विश्वनाथ धाम में करीब 750 करोड़ की लागत आएगी तो वहीं, यह 45 हजार वर्ग मीटर एरिया में बनेगा।

एएसआई तैयार कर रहा दस्‍तावेज
विश्‍वनाथ धाम निर्माण के लिए करीब तीन सौ मकानों के ध्‍वस्‍तीकरण में मिले 60 से अधिक पौराणिक मंदिरों के ऐतिहासिक दस्‍तावेज तैयार करने का काम शुरू हो गया है। इनमें एक दर्जन मंदिरों की वास्‍‍तुकला अद्भुत है तो 30 मंदिर ऐसे हैं जिनका उल्‍लेख स्‍कंद पुराण के काशी खंड में मिलता है। विश्‍वनाथ धाम की मणिमाला बनने वाले इन मंदिरों की बनावट, स्‍थापित विग्रहों की प्राचीनता, निर्माण शैली और बनाने में इस्‍तेमाल पत्‍थरों के प्रकार आदि का अध्‍ययन में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टेंपल सर्वे टीम जुटी है।

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English summary
Gyanvapi well will become part of Kashi Vishwanath temple
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