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दूधमुंही बच्ची चंपक के मां-बाप जेल से रिहा, CAA के खिलाफ प्रदर्शन में हुए थे गिरफ्तार

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वाराणसी। दूधमुंही बच्ची चंपक के मां-बाप सहिक 56 प्रदर्शनकारियों की जमानत 1 जनवरी को मंजूर कर ली गई थी, जिन्हें पुलिस ने आज (2 जनवरी) को जेल से रिहा कर दिया। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। हिंसक प्रदर्शन के दौरान यूपी से कई तस्वीरें सामने आई थी। बता दें कि वाराणसी में 57 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, जिनमें 56 नामजद हैं और एक अज्ञात। एफआईआर में नामजद व्यक्तियों में शहर के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ताओं, वरिष्ठ नागरिक, राजनेता सहित बीएचयू के करीब 20 छात्र शामिल थे।

'कुछ खा नहीं रही है'

'कुछ खा नहीं रही है'

14 महीने की चंपक पिछले 14 दिनों से अपने मां-बाप का इंतजार कर रही है। अपनी मां के लिए परेशान हो रही चंपक ने खाना-पीना तक छोड़ दिया था। ऐसे में रवि के माता-पिता के ऊपर दोहरी ज़िम्मेदारी आ गई थी। एक तो रवि और एकता की ज़मानत लेने की कोशिश दूसरी इस छोटी बच्ची को संभालने की। रवि शेखर की मां शीला तिवारी ने की मानें तो 'चंपक कुछ खा नहीं रही। बमुश्किल से उसे कुछ चम्मच हमने उसे खिलाया। वह पूरे समय कह रही है, 'अम्मा आओ, पापा आओ'। जिसके बाद उन्होंने पीएम के संसदीय कार्यालय में पत्र देकर पीएम मोदी से बच्ची के मां-बाप की रिहाई के लिए गुहार लगाई थी।

रवि शेखर और एकता शेखर को पुलिस ने किया था गिरफ्तार

रवि शेखर और एकता शेखर को पुलिस ने किया था गिरफ्तार

दरअसल, 19 तारीख को वाराणसी में जुमें की नमाज के बाद भारी संख्या में विरोध-प्रदर्शन हुआ था। इस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया था और कई लोगों को गिरफ़्तार किया था। गिरफ़्तार लोगों में विरोध प्रदर्शन करने वाले रवि शेखर और उनकी पत्नी एकता शेखर भी हैं। बता दें कि रवि शेखर और पत्नी एकता शेखर सामाजिक कार्यकर्ता है और बीते पांच साल से केयर फॉर एयर नामक एनजीओ के जरिये बनारस और देश के कई जगहों पर लोगों को साफ़ हवा मुहैया कराने के हित में काम करते हैं। अपने 14 महीने के बच्चे को छोड़कर ये दंपत्ति सीएए और एनआरसी के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए आए, जहां से इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

रो-रोकर था बुरा हाल

रो-रोकर था बुरा हाल

रवि औऱ एकता 19 दिसंबर से जेल में बंद थे। वहीं, चंपक का अपने मां-बाप के बिना रो-रोकर बुरा हाल था। रवि शेखर की मां शीला तिवारी का कहना है कि उनके बेटे ने कोई गुनाह नहीं किया है। वह शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। क्या आप सोच सकते हैं कि बच्ची अपनी मां के बिना कैसे रह रही है। क्या क्राइम को कंट्रोल करने का यह तरीका है? उन्होंने कहा कि बच्ची कुछ खा नहीं रही। वह पूरे समय कह रही है, 'अम्मा आओ, पापा आओ', हम लगातार उससे कह रहे हैं कि वह जल्दी आ जाएंगे, लेकिन मुझे नहीं मालूम क्या करना चाहिए?

57 प्रदर्शनकारियों को मिली जमानत

57 प्रदर्शनकारियों को मिली जमानत

बता दें कि 1 जनवरी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस के पांडेय की वाराणसी अदालत ने 59 प्रदर्शनकारियों में से 57 को जमानत दे दी है, जिसमें 14 महीने की बच्ची चंपक के माता-पिता भी शामिल हैं, जिन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध के दौरान गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने प्रत्येक आवेदक को 25,000 रुपए के दो बॉन्ड जमा करने पर रिहा करने का आदेश दिया था। गिरफ्तार किए गए 59 प्रदर्शनकारियों में से 57 ने जमानत के लिए आवेदन किया था। गिरफ्तार व्यक्तियों को औपचारिकताएं पूरी करने के बाद गुरुवार को रिहा कर दिया गया।

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English summary
Ekta Shekhar who was arrested along with her husband during a protest against the CAA in Varanasi, has been granted bail.
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