वाराणसी देर रात पूर्व डीआईजी पुत्र बिल्डर बलवंत सिंह की हत्या के मामले में आरोपी पार्टनर पंकज चौबे को पुलिस ने किया गिरफ्तार
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के सारनाथ थाना क्षेत्र के अशोक विहार कॉलोनी में पूर्व डीआईजी के बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में घायल को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मृतक के परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान जिले के एससपी ने परिजनों को समझाया तब जाकर उन्होंने मृतक का शव पुलिस के हवाले किया। पूरा विवाद दीपावली की मिठाई की बंटवारे को लेकर शुरू हुआ था। फरार चल रहे हत्यारोपी कांग्रेस नेता और कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर पंकज चौबे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
मिठाई की बंटवारे को लेकर शुरू हुआ विवाद
दरसअल, अशोक विहार कालोनी के फेज - 2 पर श्री साई बाबा इंफ्राप्रोजेक्ट के चेयरमैन गोपाल सिंह के मकान पर सभी पांच डायरेक्टर दीपावली के त्यौहार को लेकर भेजे जाने वाली मिठाई और गिफ्ट के लिए मीटिंग कर रहे थे और पार्टी कर रहे थे। इस बीच शराब के नशे में मिठाई बांटने को लेकर विवाद शुरू हुआ और कम्पनी के डायरेक्टर बलवंत सिंह और पंकज चौबे के बीच नोकझोंक बढ़ता देख गोपाल सिंह ने सभी को अपने घर जाने को कहा। लेकिन विवाद नहीं थमा और गोपाल सिंह के मकान के बाहर ही बलवंत सिंह और पंकज चौबे आपसे में भीड़ गए, जिसके बाद पंकज ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल निकाल अपने ही पार्टनर बलवंत सिंह को गोली मार दी।
कांग्रेस नेता पर हत्या का आरोप
इस घटना के बाद परिजन बलवंत सिंह को लेकर एक निजी चिकित्सालय पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव को गाड़ी में ही रख हंगामा करना शुरु कर दिया। आनन फानन में कई थानों की फोर्स को मौके पर बुलाया गया और खुद जिले के एसएसपी आनद कुलकर्णी भी मौके पर पहुंचे, जिसके बाद परिजनो को समझाने के 5 घण्टे बाद परिजनों ने शव को पुलिस के हवाले किया। वाराणसी के एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि पार्टी के बीच दो पार्टनर में विवाद हुआ है और गोली लगने से बिल्डर बलवंत सिंह की मौत हुई है। आरोपी की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगाई गई थीं।
मृतक बिल्डर पूर्व डीआईजी का बेटा
करीब 10.30 पर एक मीटिंग के सिलसिले में श्री साई बाबा इन्फ्राप्रोजेक्ट के चेयरमैन रामगोपाल सिंह ने अपने घर पर एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें कम्पनी के चेयरमैन रामगोपाल सिंह, डायरेक्टर जितेंद्र सिंह, डायरेक्टर मृतक बलवंत सिंह, कांग्रेस नेता और कंपनी के पार्टनर पंकज सिंह सहित एक और पार्टनर वहां पहुंचे थे। लेकिन बताया जा रहा है कि बलवंत सिंह ने अपनी बुलेटप्रूफ गाड़ी और पिस्टल के साथ मीटिंग में शामिल हुए थे। इस दौरान गोपाल सिंह ने अपने आवास पर ही सभी के लिए पार्टी रखी थी और खाना खाते समय पंकज और बलवंत में विवाद शुरू हुआ।
घर से बाहर निकलते वक्त भी होता रहा विवाद
वाराणसी के एसपी सिटी दिनेश सिंह ने बताया कि पूछताछ में रामगोपाल सिंह ने बताया कि विवाद बढ़ता देख उन्होंने सभी को अपने घर से जाने को कहा, लेकिन रामगोपाल के घर से बाहर निकलने के बावजूद भी बलवंत सिंह और पंकज चौबे में विवाद होता रहा और पंकज ने अपने गाड़ी में रखी पिस्टल निकाली और एक हवाई फायरिंग की और दूसरी गोली बलवंत के पेट में मार दी। जिसके बाद बाकी पार्टनर ने आरोपी पंकज को पकड़ने का प्रयास किया लेकिन वो भाग निकला। हालांकि भागते समय पंकज का मोबाइल वहीं गिर गया है, जो अभी रामगोपाल के पास है।
वहीं कम्पनी के बाकी पार्टनर और चेयरमैन रामगोपाल ने बलवंत के ड्राइवर को बुलाकर उन्हें अस्पताल भेजा और परिजनों को सूचना भी दी। बता दें की मृतक बलवंत पूर्व डीआईजी सभाजीत सिंह के बेटे थे। वहीं घटना के बाद हंगामा देख पुलिस को भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।