25 देशों के लिए रवाना हो गईं बाइकिंग क्वीन, हरी झंडी दे योगी बोले- आप सशक्त भारतीय नारी का प्रतीक
वाराणसी/सूरत। नारी सशक्तीकरण का संदेश देने निकली बाइकिंग क्वीन्स (Surat-Based Biking Queens) की तिकड़ी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हरी झंडी दिखाए जाने के बाद वाराणसी से अपने सफर पर रवाना हो गई। 'बाइकिंग क्वीन' की संस्थापक डॉ. सारिका मेहता और उनकी साथी जिनल शाह और रुताली पटेल अपनी-अपनी बाइक के साथ निकल पडीं। तीनों की यात्रा करीब 3 महीने तक चलेगी, जिसमें वे 25 देशों से गुजरते हुए 25000 किमी की दूरी तय करेंगी। उनकी यात्रा नेपाल, भूटान, म्यांमार, लाओस, चीन, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, रूस, लाटविया, लिथुआनिया, पोलैंड, चेक रिपब्लिक, जर्मनी, आस्ट्रिया, स्विटजरलैंड, फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्पेन व मोरक्को होते हुए यूनाइटेड किंगडम पहुंचकर संपन्न होगी। इस बीच उनकी टीम 15 अगस्त को स्पेन में तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनांएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलीं और सफर शुरू कर दिया
तीनों बाइकिंग क्वीन पहले सूरत से वाराणसी आईं। यहां काशी विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक किया, फिर वो रामनगर लाल बहादुर शास्त्री के स्मारक पहुंची और शाम को दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देखने के बाद अस्सी घाट गई। रथयात्रा स्थित कन्हाई लाल स्मृति भवन में उन्होंने कहा कि हम इसके पहले बाइकिंग क्वीन एशिया के 10 देशों और 2017 में पूरे भारत की यात्रा बाइक से कर चुकी हैं। जिसमें 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के मुद्दे पर जागरूकता फैलाने का काम किया। फिर, आज 5 जून को 25 देशों की यात्रा पर जाने की शुरुआत विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने कराई।
योगी बोले- इनकी यात्रा 21वीं सदी में सशक्त भारतीय नारी का प्रतीक
वहीं, पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने आवास पर बाइकिंग क्वीन्स टीम को झंडी दिखाकर रवाना करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी यात्रा 21वीं सदी में सशक्त भारतीय नारी का प्रतीक है। इस दौरान फेसबुक पर मुख्यमंत्री के साथ कई वीडियो भी लाइव किए गए। योगी ने उनके हौंसले की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी यात्रा साहसी कार्यों को समाज सेवा से जोड़ने का अनूठा उदाहरण है।
2014 में की थी बाइकिंग की शुरुआत
मार्च 2018 तक सारिका मेहता की टीम में कुल 50 लड़कियां शामिल हो चुकी थीं। उन्होंने 2014 में बाइकिंग की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा था कि उनका शौक है सात पहाड़ियों पर चढ़ना जिसमें से उन्होंने तीन पहाड़ियों पर चढ़ाई कर ली है। उन्होंने रूस के माउंट अलब्रश पर भी चढ़ाई की। उनकी बाइकर्स की टीम बाइकिंग क्वींस के नाम से दुनियाभर में फेमस हो गई है। वह बताती हैं कि विगत 15 अगस्त को लद्दाख पहुंचकर तिरंगा झंडा फहराया था। जब लौटते हुए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलीं तो उन्होंने इसे सूरत में भी फहराने की इच्छा जताई थी। इस पर यहां हुई मैराथन में भी 75x25 फुट आकार के इस तिरंगे को फहराया गया था।
साउथ अफ्रीका में किया था भारत का नेतृत्व
वर्ष 2017 में सारिका साउथ अफ्रीका गईं, जहां सेफ बाइक राइड का आयोजन हो रहा था। यह आयोजन हर साल किया जाता है और हर देश से एक महिला भाग लेती है, इसमें सारिका ने भारत की तरफ से हिस्सा लिया। उससे पहले सारिका वर्ष 2016 में सूरत से सिंगापुर गई थीं। तब उन्होंने अपनी बाइक के साथ पूरे एशिया का सफर किया था।
बताया कि हम कौन हैं और समाज को क्या मैसेज देना चाहती हैं
सारिका ने बताया कि वह क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट हैं, जबकि जिनल हाउस वाइफ और रुताली एमबीए स्टूडेंट हैं। ये ग्रुप हर शनिवार और रविवार को गरीब बच्चियों को पढ़ाने के लिए अलग-अलग इलाकों में कैम्प भी करता है। जिसमें वे लोगों को समझाती हैं कि लड़कियां कितनी कीमती हैं। उनका मुख्य उद्देश्य पूरे भारत को "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" और सशक्त नारी की जागृति का मैसेज देना रहा है।