पीएम के खिलाफ साधुओं ने की प्रत्याशी की घोषणा, मंदिर और गौ हत्या सहित ये होंगे मुद्दे
Varanasi news, वाराणसी। सनातन धर्म की पैरोकार मानी गई बीजेपी को अब पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोई और नहीं बल्कि पीएम के खिलाफ चुनाव मैदान में संत समाज ने ही ताल ठोक दी है। अखिल भारतीय रामराज्य परिषद् के बैनर तले 5 प्रत्याशी पीएम मोदी के खिलाफ मैदान में उतार दिया है, जिसमें मुख्य अखिल भारतीय संत परिषद् के राष्ट्रीय संयोजक और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से चार बार गोल्ड मेडलिस्ट वेदान्ताचार्य 'श्री भगवान्' वेदान्ताचार्य को अखिल भारतीय रामराज्य परिषद् ने वर्तमान लोकसभा चुनाव में वाराणसी लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है।
राम राज्य नाम से बनाई गई है पार्टी
डमी कैंडिडेट के रूप में 4 प्रत्याशियों महाराजमणिशरण 'सनातन' जी महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी पद्मनाभषरण जी महाराज, श्रीमती नीलम दुबे और श्रीमती सावित्री पाण्डेय जी की घोषणा वाराणसी के केदार घाट स्थित विद्यामठ आश्रम से हुई। प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही संत समाज ने परमधर्म हिन्दू घोषणा पत्र भी जारी किया, जिसमें 28 घोषणाएं की गई थीं। मुख्य रूप से गौ हत्या पर रोक, गंगा, नकली धर्माचार्यों पर अंकुश, रामजन्म भूमि, काशी, मथुरा सहित देश भर में मंदिर विवाद का हल था। संत समाज की ओर से आजादी के बाद से बनी सभी सरकारों से नाराजगी थी। इसलिए उन्होंने अपना कैंडिडेट मैदान में उतारा।
1948 में हुई थी पार्टी की स्थापना
बता दें कि अखिल भारतीय राम राज्य परिषद भारत की एक परम्परावादी हिन्दू पार्टी थी। इसकी स्थापना स्वामी करपात्री ने सन् 1948 में की थी। इस दल ने सन् 1952 के प्रथम लोकसभा चुनाव में 3 सीटें प्राप्त की थी। सन् 1952, 1957 एवम् 1962 के विधानसभा चुनावों में हिन्दी क्षेत्रों (मुख्यत: राजस्थान) में इस दल ने दर्जनों सीटें हासिल की थी।