एडवोकेट अजय मिश्रा का दावा, ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर शेषनाग जैसी आकृति की मूर्ति मिली
वाराणसी, 19 मई। काशी के ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर एक के बाद एक हिंदू धर्म से जुड़े अवशेष, मूर्ति आदि मिलने का दावा किया जा रहा है। वाराणसी हाई कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर सर्वे और वीडियोग्राफी की गई थी। सर्वे के बाद कोर्ट की ओर से नियुक्त किए गए एडवोकेट अजय कुमार मिश्रा ने कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट की जानकारी लोगों के साथ साझा की है। हालांकि सर्वे की रिपोर्ट को लीक करने के आरोप में उन्हें इस टीम से हटा दिया गया था। अजय कुमार मिश्रा ने दावा किया है कि मस्जिद के भीतर देवी-देवताओं की कई मूर्तियां पाई गई हैं।
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सर्वे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
सर्वे रिपोर्ट को अजय कुमार मिश्रा ने जमा कर दिया है। लेकिन अब यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में वाराणसी कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है और कहा गया है कि मस्जिद के भीतर सर्वे का आदेश 1991 वर्शिप एक्ट का उल्लंघन है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि मस्जिद के भीतर वीडियोग्राफी और सर्वे वर्शिप एक्ट का उल्लंघन है।

मस्जिद में शेषनाग की मूर्ति मिलने का दावा
अजय मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि विवादित जगह के बाहर जो बैरिकेडिंग लगी है, मंदिर से खंडहर मिले हैं। जिसमे देवी-देवताओं की मूर्ति और कमल की आकृति के पत्थर मिले हैं। बीच के पत्थर में शेषनाग की आकृति वाली मूर्ति मिली है, यहां से नागफन जैसे मूर्ति के अवशेष मिले हैं। ये सभी जो अवशेष मिले हैं वह किसी विशाल मंदिर का हिस्सा प्रतीत होते हैं। बता दें कि अजय मिश्रा को वाराणसी की स्थानीय कोर्ट ने मंगलवार को सर्वे के काम से हटा दिया था और कहा था कि आपने बेहद गैरजिम्मेदाराना काम किया है।

श्रंगार गौरी की मूर्ति मिलने का भी दावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि चार मूर्तियों जैसा ढांचा मिला है, जिसपर सिंदूरी का निशान है। ऐसा लगता है कि इसमे दीया जलाने की व्यवस्था की गई थी। काफी नक्काशियों वाला पत्थर भी मिला है, जोकि मस्जिद की पश्चिमी दीवार के पीछे बना है। यह एक विशालकाय नक्काशी वाला है। यही नहीं रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तीन-चार मूर्तियां ऐसी भी मिली हैं जिसपर सिंदूर का निशान है और चौखट जैसा पत्थर भी मिला है, ऐसा मानना है कि यह श्रंगार गौरी है। बता दें कि वाराणसी कोर्ट द्वारा गठित कमेटी आज काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे की अपनी रिपोर्ट को जमा कर सकती है। बता दें कि कोर्ट ने 17 मई तक रिपोर्ट जमा करने को कहा था, लेकिन कमेटी ने दो दिन का अतिरिक्त समय मांगा था।

शिवलिंग होने के पुख्ता सबूत
इस पूरे मामले में हिंदू पक्ष की ओर से याचिकाकर्ता सोहनलाल ने दावा किया है कि कमेटी को मस्जिद के भीतर शिवलिंग मिला है। हमारे पास इसके पुख्ता सबूत हैं। बता दें कि सर्वे की समाप्ति के बाद वाराणसी कोर्ट ने डीएम कौशल राज शर्मा को निर्देश दिया था कि वह जहां पर शिवलिंग पाया गया है उस जगह को सील कर दे और किसी को वहां ना जाने दे। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के डीएम को निर्देश दिया था कि वह शिवलिंग की सुरक्षाको सुनिश्चित करे और इस जगह को संरक्षित करे, साथ ही मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने से ना रोका जाए।