वाराणसी ग्रामीण पुलिस ने मुठभेड़ में 7 अंतर्जनपदीय लुटेरों को किया गिरफ्तार
वाराणसी ग्रामीण पुलिस ने मुठभेड़ में 7 अंतर्जनपदीय लुटेरों को किया गिरफ्तार, वाराणसी-गाजीपुर हाईवे पर करते थे लूटपाट
वाराणसी‚ 9 जुलाई : वाराणसी ग्रामीण क्षेत्र के बड़ागांव व चौबेपुर थाने की पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने वाराणसी गाजीपुर हाईवे पर लूटपाट करने वाले सात अंतर्जनपदीय लुटेरों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया है। उनके पास से पुलिस ने लूट की हुई पांच मोटरसाइकिल तीन तमंचा तीन कारतूस और 5 एंड्राइड मोबाइल बरामद किया है। वहीं गिरोह के दो लुटेरों की पुलिस तलाश कर रही है।
हाइवे पर सुनसान स्थान देखकर घटना को देते थे अंजाम
पकड़े गए लुटेरों के संबंध में प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक वाराणसी ग्रामीण सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि सिधौना थाना क्षेत्र में 25 जून की रात्रि में एक बाइक लूटी गई थी और 27 जून की रात में बड़ागांव थाना क्षेत्र में हथिवार में एक शिक्षक की बाइक लूटी गई। उसके बाद 30 जून को चौबेपुर थाना क्षेत्र में भी एक बाइक लूटी गई। तीनों घटनाओं को रात्रि में ही अंजाम दिया गया और हाइवे से सटे ग्रामीण संपर्क मार्गों पर लूटपाट किया गया। इन घटनाओं को देखते हुए स्पष्ट हुआ कि एक ही गिरोह द्वारा घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।
लगातार हुई घटनाओं के खुलासे के लिए पुलिस टीम गठित की गई। टीम में शामिल बड़ागांव थाना प्रभारी अश्वनी कुमार चतुर्वेदी, चौबेपुर थाना प्रभारी अनिल कुमार मिश्रा, सर्विलांस टीम के इंस्पेक्टर राहुल शुक्ला और इंटेलिजेंस विंग के इंचार्ज इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने मुखबिर और सर्विलांस के आधार पर घटना को अंजाम देने वाले 9 लूटेरों को चिन्हित किया। जिसमें 7 लूटेरों को बड़ागांव थाना क्षेत्र के रिंग रोड फेज 2 से सटे गांव इदिलपुर में मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं दो लुटेरे अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं जिनकी तलाश की जा रही है।
पकड़े गए सभी लुटेरे चौबेपुर थाना क्षेत्र के निवासी
पकड़े गए लुटेरों में रामजग यादव, सनी यादव, आयुष यादव, अखिलेश यादव, चंदन यादव, विवेक कुमार यादव, और अमन सरोज का नाम शामिल है। सभी लूटेरे 18 से 20 साल के हैं और चौबेपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले हैं। वहीं परानापुर गांव निवासी सूरज यादव और काजीपुर खुर्द निवासी रितेश यादव अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। एसपी ने बताया कि यह सभी दिन में सामान्य तरीके से अपने घरों पर रहते थे और रात होने पर घर से निकलते थे। हाईवे या ग्रामीण संपर्क मार्ग पर अकेले बाइक सवार को देखकर उसका पीछा करते हुए सुनसान स्थान पर असलहे से आतंकित कर बाइक, मोबाइल और पैसा लूट लेते थे।
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