कोरोना संकट के बीच वाराणसी में 28 CHC-PHC प्रभारियों ने दिया इस्तीफा, लगाया उत्पीड़न का आरोप
वाराणसी। कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से बड़ी खबर सामने आई है। यहां 28 चिकित्सा अधिकारियों ने बुधवार को अपना सामूहिक इस्तीफा दे दिया। सभी मेडिकल अफसर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के प्रभारी हैं। मेडिकल अफसरों ने अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए सीएमओ डॉक्टर वीबी सिंह को इस्तीफा सौंपा। तो वहीं, इतनी बड़ी संख्या में इस्तीफे की खबर मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।
सामूहिक
इस्तीफे
में
लिखी
है
यह
बात
सीएचसी-पीएचसी
प्रभारियों
ने
सामूहिक
इस्तीफे
में
लिखा
है
कि,
'अवगत
करना
है
कि
9
अगस्त
को
सहायक
नोडल
ऑफिसर
एवं
डेप्युटी
कलेक्टर
द्वारा
जारी
समस्त
प्रभारी
चिकित्साधिकारियों
को
निर्गत
पत्र,
जिसमे
कोविड
19
के
दौरान
किए
गए
कार्यों
को
अपर्याप्त
बताते
हुए।
समस्त
प्रभारियों
को
दोषी
ठहराया
गया
है
और
उनके
द्वारा
टारगेट
पूरा
न
होने
पर
आपराधिक
कृत
करार
देना
और
मुकदमा
दायर
करने
की
धमकी
की
गई
है
जिससे
हम
सभी
प्रभारी
मानसिक
दबाव
में
है
और
इस
स्थिति
में
कार्य
करने
में
असमर्थ
हैं।'
ACMO
की
मौत
के
लिए
प्रशासन
को
ठहराया
जिम्मेदार
इतना
ही
नहीं,
मेडिकल
अफसरों
ने
इस
पत्र
में
एसीएमओ
जंगबहादुर
की
मौत
के
लिए
भी
जिला
प्रशासन
को
जिम्मेदार
ठहराया
है।
आरोप
लगाया
कि
प्रशासन
की
ओर
से
एसीएमओ
को
बर्खास्त
करने
की
धमकी
दी
गयी
थी।
शायद
इसी
के
सदमे
से
एडिशनल
सीएमओ
की
मौत
हुई
है।
सीएचसी-पीएचसी
प्रभारियों
ने
अपने
पत्र
में
सवाल
उठाया
है
कि
इस
मौत
की
ज़िम्मेदारी
आखिर
कौन
लेगा।
सामूहिक
इस्तीफे
से
हड़कंप
सीएचसी-पीएचसी
प्रभारियों
के
सामूहिक
इस्तीफे
के
बाद
स्वास्थ्य
महकमे
में
हड़कंप
मचा
हुआ
है।
जिले
के
आला
अधिकारी
लगातार
उनसे
बातचीत
कर
उन्हें
मनाने
में
जुटे
हैं।
आपको
बता
दें
कि
जिले
में
24
शहरी
स्वास्थ्य
केंद्र
और
ग्रामीण
इलाके
में
आठ
स्वास्थ्य
केंद्र
हैं।
क्या
कहा
सीएमओ
वीबी
सिंह
ने...
वहीं,
वाराणसी
के
मुख्य
चिकित्सा
अधिकारी
(सीएमओ)
डॉक्टर
वीबी
सिंह
का
कहना
है
कि
उनकी
समस्याएं
सुनी
गई।
इस्तीफा
उन्होंने
दिया
है
लेकिन
उन्हें
समझा
दिया
गया
है।
सभी
लोग
अपने
काम
पर
लग
गए
हैं।
सभी
लोग
शाम
की
रिपोर्ट
भी
प्रॉपर
तरीके
से
भेज
रहे
हैं।