124 साल की उम्र में बाबा शिवानंद ने दूसरी बार किया वोट, बताई ये बड़ी वजह
Varanasi news, वाराणसी। लोकतंत्र के महापर्व में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में मतदान का पर्व तब खास हो गया जब 124 साल बाबा शिवानंद अपने मताधिकार का उपयोग करने पोलिंग बूथ पर पहुंचे। बाबा शिवानंद का जन्म कलकत्ता में हुआ था और वर्तमान में ये दुनिया के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं। करीब रोजाना एक घंटे से ज्यादा योग और व्यायाम करने वाले बाबा जी के वर्तमान कदकाठी को देख ये नहीं कहा जा सकता कि इनकी अवस्था 124 वर्ष होगी, लेकिन आधार कार्ड से लेकर वोटर कार्ड तक इनके वो सबूत हैं जो इनके दावे को सही साबित करते हैं।
124 साल में दूसरी बार दिया वोट
बाबा शिवानंद ने अपने 124 साल में दूसरी बार वोट किया है और इसके पीछे भी वो मोदी सरकार के काम से खुश होने की बात कर कहते हैं कि जब पीएम की गद्दी पर मोदी बैठ तक इन्होंने वोट डालना शुरू किया। वैसे भी ये ट्रैवेल पर ज्यादा रहते हैं। यही नहीं बाबा ने बताया कि पीएम मोदी वर्तमान में केदारनाथ और बद्रीनाथ में जो तपस्या कर रहे हैं और भोलेनाथ सफल करे और दोबारा फिर मोदी सरकार देश की कमान संभालें।
मां-बाप की भूख से मौत के बाद त्यागा अन्न
कलकत्ता में 8 अगस्त 1894 को जन्मे बाबा शिवानंद ने अपने माता पिता की भूख से मौत के बाद अन्न का त्याग कर दिया। फिलहाल, ये उबली हुई सब्जियों और अपने योग व्यायाम के सहारे अब तक बिना किसी सहारे के चलते फिरते नजर आते हैं। वह अपने घर से निकल कर करीब 1 किलो मीटर तक पैदल चलकर अपने प्राथमिक विद्यालय के बूथ पर अपना वोट डालने पहुंचे तो वहां लोगों ने उनका स्वागत भी माला पहना कर किया। बाबा शिवा नंद का सामना 105 वर्ष के शिवरंजन मिश्र से हुआ जो रिटायर्ड टीचर बाबू हैं।
सुबह 3 बजे उठकर व्यायाम करते हैं शिवानंद बाबा
शिवरंजन मिश्रा अपना वोट देने हनुमान प्रसाद पोद्दार मतदान केंद्र पहुंचे थे। जिन्होंने अपने मतदान के बाद जब दोनों बुजुर्ग शख्सियत का सामना हुआ तो वहां तांता लग गया। हर कोई ये देख कर चौंक गया कि 123 वर्षीय बाबा शिवानंद शिव रंजन मिश्रा से कम उम्र के हैं, लेकिन उनके दस्तावेज इस बात को प्रमाणित करते है कि बाबा शिवानंद की वर्तमान अवस्था 123 साल है। वहीं, बाबा अपनी दिनचर्या में सुबह 3 बजे उठकर कई किलोमीटर की रनिंग, योगा, व्यायाम और उबले भोजन के कारण स्वस्थ हैं।
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