उत्तराखंड में 'आप' का क्या होगा? प्रदेश में जिनके सहारे पार्टी हुई थी लांच, वो ही हो गए किनारे
देहरादून, 19 मई। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दस्तक देने वाली आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री के चेहरे रहे कर्नल अजय कोठियाल और कार्यकारी अध्यक्ष रहे भूपेश उपाध्याय के चुनाव बाद इस्तीफे से बड़ा झटका लगा है। जहां एक तरफ पार्टी नए सिरे से खड़े होने का दावा कर रही है, वहीं पार्टी को उत्तराखंड में खड़ा करने का जिम्मा उठाने वाले बड़े नेताओं का आप का दामन छोड़ने से बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। जिसका असर पड़ोसी राज्यों में होने वाले चुनाव पर भी सीधा असर पड़ना तय है।

भूपेश उपाध्याय ने लगाए गंभीर आरोप
कर्नल अजय कोठियाल ने अपने इस्तीफे में कुछ खास कारण का जिक्र नहीं किया है लेकिन भूपेश उपाध्याय ने गंभीर आरोप लगाए हैं। भूपेश उपाध्याय ने फेसबुक के जरिए पत्र साझा कर अरविंद केजरीवाल को लिखा है कि जो विचारधारा व कार्यप्रणाली का जिक्र किया गया था, पार्टी उससे कोसों दूर हैं। इतना ही नहीं भूपेश उपाध्याय ने प्रदेश प्रभारी व सह प्रभारी को ईस्ट इंडिया कंपनी के एजेंटों की तरह अपने हित साधने का गंभीर आरोप लगाया है।
पार्टी की हुई बुरी हार
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड में कर्नल अजय कोठियाल के जिम्मे पूरी पार्टी छोड़ी। इसके साथ ही भूपेश उपाध्याय को भी कार्यकारी अध्यक्ष की अहम जिम्मेदारी सौंपी। लेकिन पार्टी उत्तराखंड में एक सीट भी नहीं जीत पाई। इतना ही नहीं सीएम के चेहरे कर्नल अजय कोठियाल की भी बुरी हार हुई। जिसके बाद से ही संगठन स्तर पर कोठियाल समेत बड़े नेताओंं पर सवाल उठने लगे थे। आप के उत्तराखंड में एक साल में ही चुनाव से पहले पूर्व आईएएस सुबर्धन शाह और पूर्व आईपीएस अनंत राम चौहान ने भी पार्टी छोड़ दी थी। रविंद्र जुगरान भी आप को छोड़कर भाजपा में चले गए थे। चुनाव के बाद कर्नल कोठियाल और भूपेश उपाध्याय के इस्तीफे से आप को बड़ा सियासी झटका लगा है। खासकर हिमाचल में अपना अस्तित्व तलाश रही आप के लिए ये बड़ा झटका लगा है। आप के अंदर खटपट चुनाव परिणाम के बाद से ही दिखने शुरू हो गए थे। अरविंद केजरीवाल ने प्रदेश के सभी संगठन स्तर के पदाधिकारियो को हटाकर पूरा संगठन भंग कर दिया था। इसके बाद दीपक बाली को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। जो कि काशीपुर से पार्टी के प्रत्याशी भी थे। इसके बाद से कर्नल ने पार्टी से किनारा कर दिया था।
नया संगठन खड़ा करने की चुनौती
इस बीच संगठन का विस्तार हुआ। कांग्रेस छोड़ आप को ज्वाइन करने वाले जोत सिंह बिष्ट को पार्टी ने प्रदेश संगठन समन्वयक बना दिया। बसंत कुमार को वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष (कुमाऊं) बनाया गया है। इसी तरह शिशुपाल रावत को प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ नैनीताल, अल्मोड़ा का जिला प्रभारी व प्रदेश महिला मोर्चा प्रभारी की जिम्मेदारी भी दी गई है। सुनीता बाजवा टम्टा को प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ संगठनात्मक रूप में काशीपुर व खटीमा जिला प्रभारी बनाया गया है। दिग्मोहन नेगी को भी प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ चमोली, रुद्रप्रयाग व पौड़ी के जिला प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीन कुमार बंसल देहरादून (पछवा) के प्रभारी बनाए गए। प्रदेश उपाध्यक्ष डिंपल सिंह को परवादून का प्रभारी नियुक्त किया गया। प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश शर्मा को हरिद्वार, रुड़की की जिम्मेदारी, प्रदेश उपाध्यक्ष आजाद अली को अल्पसंख्यक मोर्चा प्रभारी बनाया गया। वहीं, अजय जायसवाल को प्रदेश महासचिव, धर्मेंद्र कुमार बंसल को प्रदेश कोषाध्यक्ष, अमित जोशी को प्रदेश मीडिया प्रभारी व दीपक प्रकाश पंत को प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। इस तरह से पार्टी नए सिरे से खड़ा करने की उम्मीद लगा रही है। लेकिन जिस तरह पार्टी के पुराने चेहरे आप को छोड़ रहे हैं।उससे आप के उत्तराखंड में भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं।
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