क्या है 'गुजरात मॉडल' का वो फॉर्मूला? जिससे उत्तराखंड में बढ़ेगी BJP के टिकट दावेदारों की टेंशन
उत्तराखंड में दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी ने लगाई ताकत
देहरादून, 17 सितंबर। उत्तराखंड में बीजेपी विधानसभा चुनाव के लिए गुजरात मॉडल पर फोकस करने जा रही है। चुनाव प्रचार-प्रसार से लेकर टिकट बंटवारे तक बीजेपी हाईकमान नए प्रयोग कर सकती है। गुजरात में जिस तरह से बीजेपी ने सीएम से लेकर कैबिनेट में बडा फेरबदल कियाा हाईकमान के इस संकेत के बाद उत्तराखंड में बीजेपी के टिकट दावेदारों की टेंशन बढ़ गई है। विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी कर रहे नेताओं को अब नए सिरे से जोड़तोड़ में जुटना होगा।
बीजेपी
नेतृत्व
कर
रहा
लगातार
प्रयोग
बीजेपी
शासित
राज्यों
में
हाईकमान
और
केन्द्रीय
नेतृत्व
नए
प्रयोग
करने
में
जुटा
है।
पहले
उत्तराखंड
में
3-3
सीएम
और
युवा
चेहरे
को
जिम्मेदारी
सौंपना
और
अब
गुजरात
में
सीएम
से
लेकर
कैबिनेट
में
भारी
फेरबदल
से
बीजेपी
हाईकमान
ने
विधानसभा
चुनावों
से
पहले
ये
संकेत
दे
दिए
हैं
कि
कोई
भी
खुद
को
सेफ
मोड
में
न
समझें।
पार्टी
को
जहां
जरुरत
महसूस
होगी
वे
बड़े
स्तर
पर
प्रयोग
कर
सकते
हैं।
यही
फॉर्मूला
यूपी
और
उत्तराखंड
में
भी
लागू
होगा।
साफ
है
कि
इस
बार
सिटिंग
विधायकों
के
सबसे
ज्यादा
टिकट
कटने
का
दावा
किया
जा
रहा
है।
5
सालों
की
परफॉर्मेंस
और
बीजेपी
के
सर्वे
इसका
आधार
बनेंगे।
उत्तराखंड
में
कई
सीनियर
नेताओं
के
टिकट
भी
खतरे
में
बताए
जा
रहे
हैं।
जिस
तरह
से
सीएम
पर
धामी
नए
चेहरे
को
लाया
गया
है।
उसी
तरह
पार्टी
टिकट
बंटवारे
में
भी
नए
चेहरों
को
जगह
देने
जा
रही
है।
दूसरे
दलों
से
बीजेपी
में
लाए
गए
चेहरे
भी
इसी
फॉर्मूले
का
हिस्सा
बनेंगे।
पार्टी
ऐसे
चेहरों
को
2022
के
लिए
तैयार
कर
रही
है।
दोबारा
सरकार
बनाने
का
दावा
बीजेपी
के
चुनाव
प्रभारी
दो
दिन
के
उत्तराखंड
दौरे
पर
रहे।
चुनाव
प्रभारी
प्रह्राद
जोशी
ने
साफ
किया
कि
इस
बार
बीजेपी
मिथक
तोड़ने
के
साथ
ही
पिछली
बार
से
ज्यादा
बहुमत
लेकर
आएंगें।
जिस
तरह
के
हालात
बीजेपी
के
इस
बार
विधानसभा
चुनाव
से
पहले
सर्वों
में
नजर
आया।
साफ
है
कि
मिथक
तोड़ने
के
लिए
बीजेपी
के
रणनीतिकारों
को
जमीनी
स्तर
पर
काम
करना
पड़ेगा।
जिस
मिथक
तोड़ने
की
बात
प्रभारी
कर
रहे
हैं
वह
है
किसी
भी
दल
की
दोबारा
सरकार
न
आना।
कांग्रेस
इस
मिथक
के
आधार
पर
ही
सत्ता
में
वापसी
की
कोशिश
में
लगी
है,
जबकि
बीजेपी
मिथक
को
तोडकर
दोबारा
सत्ता
में
आने
का
दावा
कर
रही
हैा
टिकट
बंटवारे
में
होगा
बड़ा
फेरबदल
पिछले
विधानसभा
चुनाव
में
बीजेपी
ने
57
सीटों
पर
जीत
दर्ज
की
थी,
इस
बार
बीजेपी
60
प्लस
का
मिशन
लेकर
चल
रही
है।
लेकिन
इस
मिशन
को
पूरा
करने
के
लिए
सिटिंग
विधायकों
के
टिकट
काटे
जाने
तय
हैं।
पार्टी
स्तर
से
जितने
भी
सर्वे
हुए
30
से
ज्यादा
विधायकों
की
कुर्सी
खतरे
में
बताई
गई।
इनमें
कुछ
कद्दावर
और
बड़े
नेता
भी
शामिल
है।
साफ
है
कि
पार्टी
कुछ
विधायकों
का
विधानसभा
क्षेत्र
बदल
सकती
है
तो
कुछ
को
पैदल
भी
कर
सकते
हैं।
ऐसे
में
अगर
बीजेपी
के
टिकट
बंटवारे
में
बड़े
नाम
गायब
हो
तो
किसी
तरह
का
कोई
सरप्राइज
नहीं
माना
जाएगा।
इससे
दावेदारों
की
टेंशन
बढ
गई
हैा
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