कांग्रेस के इस कदम से हरिद्वार शहर सीट पर मुश्किल हुई भाजपा की राह
हरिद्वार, 24 जनवरी। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारी कर रहे हैं। उत्तराखंड में हरिद्वार शहर की विधानसभा सीट की बात करें तो यहां मुकाबला काफी दिलचस्प है। भारतीय जनता पार्टी ने यहां पर पार्टी के प्रदेश मुखिया मदन कौशिक को मैदान में उतारा है। मदन कौशिक चार साल क विधायक हैं। वहीं कांग्रेस ने सतपाल ब्रह्मचारी को यहां से टिकट दिया है जोकि हरिद्वार नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन हैं। बतौर चेयरमैन सतपाल बह्मचारी न यहां काफी लोकप्रियता हासिल की थी। उनकी छवि भी काफी साफ-सुथरी है, ऐसे में माना जा रहा है कि वह मदन कौशिक को कड़ी चुनौती दे सकते हैं।

आसान नहीं होगी राह
हरिद्वार शहर विधानसभा सीट की बात करें तो यह दूसरी बार है जब कांग्रेस ने बह्मचारी को यहां से टिकट दिया है। इससे पहले 2017 में कांग्रेस ने ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को यहां से टिकट दिया था। सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट नहीं दिए जाने से यहां के लोग कांग्रेस से काफी नाराज थे। भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि इसी वजह से मदन कौशिक की जीत याहं से आसान हो गई थी।
हमेशा से ही मुश्किल चुनौती साबित हुए हैं ब्रह्मचारी सतपाल
साल 2012 में जब सतपाल बह्मचारी को मदन कौशिक के खिलाफ उतारा गया था तो सतपाल को हार का मुंह देखना पड़ा था लेकिन उन्होंने मदन कौशिक की जीत के अंतर को काफी कम कर दिया था। 2007 मं कांग्रेस ने यहां से पुरुषोत्तम शर्मा को मदन कौशिक के खिलाफ उतारा था, लेकिन पुरुषोत्तम 28 हजार वोटों से यहां से हार गए थे। अगले साल 2012 में कौशिक फिर से यहां से जीते लेकिन इस बार जीत का अंतर 8000 वोट का था। 2017 में जब कांग्रेस ने ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को टिकट दिया तो 35 हजार वोटों से मदन कौशिक को जीत मिली थी।
इस बार होगा दिलचस्प मुकाबला
स्थानीय लोगों का मानना है कि मदन कौशिक को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन कई चीजें उनके पक्ष में हैं। मदन कौशिक दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और अहम मंत्रालयों का जिम्मा संभाला है। स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ता रवि दत्त शर्मा ने कहा कि कौशिक ने शहर के लिए बहुत कुछ किया है, उन्होंने बिजली के तारों के जंजाल से छुटकारा दिलाने और गैस पाइपलाइन को अंडरग्राउंड करने का काम किया है। सतपाल एकमात्र नेता हैं जोकि कांग्रेस में कौशिक को चुनौती दे सकते हैं। स्थानीय नागरिक रतन मणि दोभाल ने कहा कि जिस तरह से प्रोजेक्ट अमित गंगा, नमामि गंगा और तारों को अंडरग्राउंड करने का काम किया गया है उससे लोग खुश नहीं हैं।