ऑल वेदर रोड की चौड़ाई कम करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उत्तराखंड सरकार ने जताई आपत्ति, केंद्र से करेगी बात
देहरादून। चारधाम को जोड़ने वाली ऑल वेदर रोड परियोजना में सड़क की चौड़ाई को कम करने को लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) सरकार भी सक्रिय हो गई है। इस मामले में त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार जल्द ही केंद्र सरकार से बात कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इस सड़क का धार्मिक ही नहीं सामरिक महत्व भी है। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए भी जो लोग इस बात को नहीं समझ रहे, वह बड़ी भूल कर रहे हैं। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह सड़क चौड़ी होनी ही चाहिए। तो वहीं, डिफेंस एक्सपर्ट भी चीन को देखते हुए 7 मीटर चौड़ी रोड को वक्त की ज़रूरत बता रहे हैं।
बता दें, केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में चारधाम राजमार्ग परियोजना की सौगात उत्तराखंड को दी। इसके तहत चारधाम को जोड़ने वाली 826 किलोमीटर सड़कों का डबल लेन के हिसाब से चौड़ीकरण चल रहा है। परियोजना के आकार लेने पर चारधाम के लिए वर्षभर यातायात सुगम रहेगा। इसीलिए इसे ऑल वेदर रोड नाम भी दिया गया है। उत्तराखंड के चीन और नेपाल की सीमाओं से सटे होने के कारण इस सड़क का सामरिक महत्व भी है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने हाल में अपने एक फैसले में इस सड़क की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर रखने के आदेश दिए हैं। तो वहीं, अब प्रदेश सरकार कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद इस सड़क को लेकर मंथन में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि निर्माणाधीन चारधाम यात्रा मार्ग देश को सीमांत क्षेत्र से जोड़ता है। उन्होंने कहा कि सड़क को इस तरह से तैयार किया जा रहा कि वर्षभर आवाजाही सुगम रहे।
राज्य सरकार का मानना है कि जब चीन जैसा दुश्मन सामने हो, तो सामरिक लिहाज से सड़क की चौड़ाई कम से कम 7 मीटर होना ज़रूरी है। सीएम ने कहा कि बॉर्डर को जोड़ने वाली यह सड़क सिर्फ़ लोकल ट्रांस्पोर्ट के लिए नहीं है, बल्कि इसकी ज़रूरत देश को है। दरअसल चीन हमेशा से भारत की बड़ी चिंता रहा है और हाल के दिनों में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की हरकतों से तनाव और बढ़ा हुआ है।
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