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उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों के परिजनों को 4600 ग्रेड पे की मांग पड़ी महंगी, तीन सिपाही सस्पेंड

डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर तीन सिपाही सस्पेंड

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देहरादून, 2 अगस्त। उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे का मामला गरमाता जा रहा है। पुलिसकर्मियों के परिजनों को विरोध करना महंगा पड़ गया है। डीजीपी के निर्देश पर तीन सिपाही सस्पेंड हो गए हैं। इससे एक बार फिर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

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पुलिसकर्मियों के परिजनों ने प्रेसवार्ता कर राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया

बीते रविवार को पुलिसकर्मियों के परिजनों ने प्रेसवार्ता कर राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था। परिजनों ने सरकार को एक सप्ताह का समय देकर आंदोलन की चेतावनी दी थी। जिसके बाद महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। परिजनों के आंदोलन की चेतावनी के बाद खुफिया तंत्र अलर्ट कर परिजनों को चिह्रिनत किया गया। जिसके बाद डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर चमोली पुलिस लाइन में तैनात सिपाही दिनेश चंद, एससीआरबी देहरादून में तैनात सिपाही हरेंद्र सिंह और एसडीआरएफ उत्तरकाशी में तैनात कुलदीप भंडारी को निलंबित कर दिया गया है। कार्रवाई के विरोध में भी पुलिस परिजन पुलिस मुख्यालय के बाहर आंदोलन करने के लिए पहुंचे, लेकिन डीजीपी अशोक कुमार के समझाने के बाद लौट गए। इसके बाद सभी को चेतावनी भी जारी की गई है।

कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई

सिपाहियों पर कार्रवाई आचरण नियमावली के तहत की गई है। नियमावली की धारा 5 2 और 24 ;क में ऐसे प्रावधान हैं। इन धाराओं में व्याख्या है कि कोई पुलिसकर्मी किसी संगठन का हिस्सा नहीं बन सकता है। धारा 24 में बताया गया कि कोई भी सरकारी कर्मचारी सिवाय उचित माध्यम से और ऐसे निर्देशों के अनुसार जिन्हें राज्य सरकार समय.समय पर जारी करे, निजी रूप से या अपने परिवार के किसी सदस्य के माध्यम से सरकार या किसी अन्य प्राधिकारी को कोई आवेदन नहीं करेगा।

क्या है पूरा प्रकरण
पुलिसकर्मियों के परिजनों का कहना है कि उत्तराखंड पुलिस में सबसे पहले वर्ष 2001 में भर्ती हुई थी। इस बैच के सिपाहियों को 20 साल की सेवा के बाद 4600 ग्रेड पे दिए जाने की बात कही गई थी। वर्ष 2021 में बीस साल का पूरा होते ही सोशल मीडिया पर इसको लेकर आंदोलन शुरू हुआ। बाद में परिजन सड़कों पर उतर आए। आंदोलन उग्र होता देख अक्तूबर में डीजीपी ने मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सितंबर 2021 से 4600 ग्रेड पे का लाभ देने की घोषणा की। आचार संहिता लगने से पहले सरकार ने दो लाख रुपये एकमुश्त देने का आदेश जारी कर दिया। जिसके बाद परिजन भड़क गए हैं। विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने उत्तराखंड पुलिस के सिपाहियों के पहले बैच को 4600 ग्रेड पे की जगह दो लाख रुपये एकमुश्त दिए जाने के आदेश जारी किए। इससे पुलिसकर्मियों के परिजन नाराज हो गए। इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर सिपाहियों के इस्तीफे की खबरें वायरल होने के बाद सरकार की नींद उड़ गई है।

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English summary
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