मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन अवॉर्ड: IPS बनने से लेकर मिसाल बनने की डॉ विशाखा अशोक भदाणे की कहानी
IPS डॉ विशाखा अशोक भदाणे भारत सरकार द्वारा होंगी सम्मानित
देहरादून, 13 अगस्त। रेप कर मासूम की नृशंस हत्या करने वाले को मृत्युदंड दिलाने वाली आईपीएस अधिकारी डॉ विशाखा अशोक भदाणे को गृह मंत्रालय भारत सरकार का मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन अवॉर्ड मिलेगा। डॉ विशाखा अशोक भदाणे ने हरिद्वार के ऋषिकुल मौहल्ले में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने का न सिर्फ खुलासा कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया, बल्कि अभियुक्त को उसके इस कृत्य के लिए मृत्युदंड की सजा भी दिलायी।डॉ विशाखा अशोक भदाणे वर्तमान में देहरादून जिले में बतौर एसपी क्राइम कार्यरत हैं।
सहायक पुलिस अधीक्षक नगर हरिद्वार के पद पर तैनात थी डॉ विशाखा अशोक भदाणे
20 दिसम्बर 2020 को हरिद्वार के ऋषिकुल मौहल्ले में एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गयी थी। प्रकरण की विवेचना कर रही सहायक पुलिस अधीक्षक नगर हरिद्वार के पद पर तैनात डॉ विशाखा अशोक भदाणे ने इस अभियोग से संबंधित मुख्य अभियुक्त रामतीर्थ को उसी दिन तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और अभियुक्त के घर की दूसरी मंजिल से लापता बच्ची का शव बरामद किया। पूछताछ में उसके द्वारा कबूल किया गया कि उसने राजीव के साथ मिलकर ऋषिता के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर शव को दूसरी मंजिल पर छिपाकर रख दिया था। मृतक का पोस्टमार्टम जिला अस्पताल में डॉक्टरों के पैनलों द्वारा कराया गया और मृतका के विभिन्न नमूने एकत्र किए गए और राम तीरथ की चिकित्सा के दौरान नमूने एकत्र कर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजे गए।
केन्द्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किये जाने की घोषणा
दिनांक
26.12.20
को
उक्त
घटना
अभियुक्त
आरोपी
राजीव
कुमार
की
सहायता
करने
में
उसके
भाई
गंभीर
चंद
उर्फ
गौरव
को
गिरफ्तार
किया
गया
और
दिनांक
28.12.20
को
अभियुक्त
को
सुलतानपुर
उ0प्र0
से
गिरफ्तार
गया
गया।
अभियुक्त
की
चिकित्सा
जांच
कर
उसके
नमूने
एकत्र
कर
जांच
हेतु
एफएसएल
भेजे
गये।
डॉ
विशाखा
अशोक
भदाणे
द्वारा
एकत्र
किये
गये
साक्ष्यों
एवं
समय
पर
प्रस्तुत
किये
गये
गवाहों
के
अधार
पर
न्यायालय
के
विशेष
न्यायाधीश
पोक्सो
जिला
हरिद्वार
ने
आरोपी
रामतीरथ
को
मृत्युदंड
एवं
अर्थदंड
से
दंडित
किया
और
अभियुक्त
राजीव
कुमार
को
साक्ष्य
छिपाने
के
मामले
में
5
वर्ष
की
सजा
एवं
अर्थदंड
से
दण्डित
किया
गया।
गृह
मंत्रालय,
भारत
सरकार
द्वारा
डॉ,
विशाखा
अशोक
भदाणे
को
उत्कृष्ट
विवेचना
किये
जाने
के
लिए
अन्वेषण
में
उत्कृष्टता
के
लिए
केन्द्रीय
गृहमंत्री
पदक
से
सम्मानित
किये
जाने
की
घोषणा
की
गयी
है।
डीजीपी
अशोक
कुमार
ने
डॉ
विशाखा
अशोक
भदाणे
को
इस
उपलब्धि
के
लिए
बधाई
दी
है।
2018 में सिविल सर्विस में सफलता हासिल कर आईपीएस बनीं
डॉ विशाख भदाणे महाराष्ट्र के नासिक की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम अशोक भदाणे है। उनके पिता अशोक भदाणे नासिक के उमराने गांव में एक छोटे से स्कूल में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। विशाखा दो बहनों व एक भाई में सबसे छोटी हैं। पिता का बचपन से ही सपना था कि बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिले। घर की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के बाद भी पढ़ाई पर पूरी मेहनत की। आमदनी कम होने के वजह से उनकी माता ने बच्चों की शिक्षा और आर्थिक मदद के लिए स्कूल के बाहर एक छोटी सी दुकान चलाने लगीं। जब विशाखा 19 वर्ष की थी, तब उनकी मां का स्वर्गवास हो गया। मां के चले जाने के बाद घर की ज़िम्मेदारी विशाखा पर आ गई। वे पहले घर का काम निपटा लेतीं और उसके बाद पढ़ाई करतीं। विशाखा और उनके भैया ने सरकारी आयुर्वेद कॉलेज से बीएएमएस में दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षा दिया, जिसमें वे दोनों चयनित हुए। बीएएमएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद विशाखा ने यूपीईएस परीक्षा में बैठने का फैसला लिया और उसकी तैयारी में जुट गईं। वह पहले प्रयास में असफल रहीं। उन्होंने दूसरी बार फ़िर से कोशिश किया और इस बार सफलता उनके हाथ लगी। विशाखा वर्ष 2018 में सिविल सर्विस में सफलता हासिल कर आईपीएस बनीं।