पेड़ों के काटने पर कहां और क्यों दी जा रही श्रद्धांजलि, जानिए पूरा मसला
सड़क चौड़ीकरण के लिए काटे जा रहे पेड़, विरोध में पहनाई माला
देहरादून, 12 जुलाई। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पर्यावरण को बचाने की मुहिम में जुटे कुछ लोगों ने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया है। सहस्त्रधारा रोड पर पेड़ों के कटान का विरोध करने के बाद लोगों ने काटे गए पेड़ों पर श्रद्धांजलि दी।सिटीजन फॉर ग्रीन दून समेत कई संगठन लंबे समय से इस तरह के प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैंं।
सड़क चौड़ीकरण के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करने की मांग
देहरादून
में
रिंग
रोड
को
फोर
लेन
में
कन्वर्ट
करने
के
लिए
2200
पेड़ों
को
काटा
जा
रहा
है।
इनमें
से
400
पेड़ों
को
जड़
सहित
उखाड़कर
दूसरी
जगह
लगाया
जाएगा।
सिटीजन
फॉर
ग्रीन
दून
से
जुड़े
लोग
पेड़
काटे
जाने
का
विरोध
कर
रहे
हैं।
साथ
ही
पेड़
काटने
के
बजाए
सड़क
चौड़ीकरण
के
लिए
अन्य
विकल्पों
पर
विचार
करने
की
मांग
कर
रहे
हैं।
प्रदर्शनकारियों
का
कहना
था
कि
सरकार
भले
ही
400
पेड़ों
को
ट्रांसप्लांट
करने
की
बात
कह
रही
हो,
लेकिन
ऐसे
पेड़ों
का
सक्सेस
रेट
बहुत
कम
होता
है।
काटे
गए
पेड़ों
पर
श्रद्धांजलि
सिटीजन
फॉर
ग्रीन
दून,
दून
के
दोस्त,
पारिस्थितिकी
समूह,
तितली
ट्रस्ट,
ईको
ग्रुप
समेत
विभिन्न
संगठनों
से
जुड़ों
से
लोग
रविवार
को
सहस्त्रधारा
रोड
स्थित
खंलगा
स्मारक
के
पास
एकत्र
हुए।
यहां
सहस्त्रधारा
रोड
पर
पेड़ों
के
कटान
का
विरोध
करने
के
बाद
काटे
गए
पेड़ों
पर
श्रद्धांजलि
दी।
विरोध
कर
करने
वाले
हिमांशु
अरोड़ा
ने
कहा
कि
पेड़
मनुष्यों
के
बिना
जीवित
रह
सकते
हैं,
लेकिन
मनुष्य
का
अस्तित्व
पेड़ों
के
बिना
संभव
नहीं
है।
सहस्त्रधारा
रोड
के
चौड़ीकरण
के
लिए
2200
पेड़ों
का
कटान
शुरू
हो
गया
है,
जो
पर्यावरण
के
लिए
अच्छे
संकेत
नहीं
है।
सरकार
को
इस
मुद्दे
पर
संवेदनशील
होने
की
जरूरत
है।
सड़क
को
कहीं
फोरलेन
तो
कहीं
थ्री
लेन
बनाया
जा
रहा
है,
क्यों
ना
ऐसी
जगहों
पर
भी
सड़क
को
थ्री
लेन
बनाया
जाए,
जहां
पर
पेड़
हैं।
लंबे
समय
से
कर
रहे
विरोध
जोगीवाला
से
शहर
के
बाहर
ही
बाहर
मसूरी
जाने
वाली
सड़क
पर
कुल्हान
तक
14
किलोमीटर
के
हिस्से
का
चौड़ीकरण
होना
है।
जिसके
लिए
फर्स्ट
फेज
में
पेड़
काटे
जा
रहे
हैं।
पेड़
कटने
के
बाद
सड़क
को
फोर
लेन
में
कन्वर्ट
करने
का
काम
शुरू
कर
दिया
जाएगा।
सिटीजन
फॉर
ग्रीन
दून
के
सचिव
हिमांशु
अरोड़ा
का
कहना
है
कि
हम
सरकार
को
जगाने
और
पेड़ों
को
बचाने
का
एक
प्रयास
कर
रहे
हैं।
सिटीजन
फार
ग्रीन
दून,
पराशक्ति,
इको
ग्रुप,
फ्रेंड्स
आफ
दून
और
संयुक्त
नागरिक
मंच
समेत
दर्जनभर
संगठनों
के
पदाधिकारियों
ने
कहा
कि
एक
तरफ
जहां
सड़क
चौड़ीकरण
के
नाम
पर
हजारों
पेड़ों
को
काटा
जा
रहा,
वहीं,
विरोध
के
बावजूद
किसी
स्तर
पर
सुनवाई
नहीं
हो
रही
है।
धरना
प्रदर्शन
कर
रहे
पर्यावरणविदों,
सामाजिक
संगठनों
के
पदाधिकारियों,
कार्यकर्ताओं
ने
एक
दिन
पूर्व
पेड़ों
के
काटे
जाने
का
पुरजोर
विरोध
करते
हुए
पेड़ों
पर
माला
भी
चढ़ाई
थी।
उससे
पूर्व
पर्यावरणविदों,
कार्यकर्ताओं
ने
पेड़ों
को
रक्षासूत्र
बांधकर
रक्षा
का
संकल्प
भी
लिया
था।
इतना
ही
नहीं
पिछले
दिनों
जब
वन
विकास
निगम
की
ओर
से
पेड़ों
का
कटान
शुरू
किया
गया
तो
भी
पुरजोर
विरोध
किया
गया
था।
हालांकि,
फिलहाल
पक्षियों
के
घोंसले
वाले
13
पेड़ों
के
कटान
पर
रोक
लगा
दी
गई
है।