सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी में डॉक्टर के नशे में होने का वीडियो वायरल, कुछ ऐसे पकड़े गए 'डॉक्टर साहब'
उत्तराखंड:अस्पताल में तैनात डॉक्टर का वीडियो वायरल
देहरादून, 27 अगस्त। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर के नशे में होने का वीडियो वायरल होने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रभारी सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने पूरे प्रकरण का संज्ञान लेेकर मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। वायरल वीडियो में डॉक्टर अस्पताल में पर्चा लिखने की स्थिति में तक नजर नहीं आ रहा है।
Recommended Video
इमरजेंसी
में
तैनात
तैनात
डॉक्टर
नशे
में
धुत,
पर्चा
लिखने
तक
की
स्थिति
में
भी
नहीं
था
प्रदेश
में
स्वास्थ्य
सुविधाएं
हमेशा
सवालों
के
घेरे
में
रहती
है।
अक्सर
पहाड़ों
में
डॉक्टर
की
कमी
होने
की
खबरें
सामने
आती
हैं।
लेकिन
इस
बार
मामला
जरा
हटके
हैं।
अस्पताल
में
तैनात
डॉक्टर
के
नशे
में
होने
का
आरोप
लगा
है।
एक
वायरल
वीडियो
के
सामने
आने
से
स्वास्थ्य
महकमा
अलर्ट
हो
गया।
प्राप्त
जानकारी
के
अनुसार
अल्मोड़ा
में
एक
मंगलवार
देर
रात
बुखार
से
तप
रहे
पांच
वर्षीय
बेटे
को
लेकर
एक
परिवार
अल्मोड़ा
जिला
अस्पताल
पहुंचे
थे।
इस
दौरान
इमरजेंसी
में
तैनात
तैनात
डॉक्टर
नशे
में
इतना
धुत
था
कि
वह
पर्चा
लिखने
तक
की
स्थिति
में
भी
नहीं
था।
इस
पर
वहां
मौजूद
लोगों
ने
डॉक्टर
का
वीडियो
बनाकर
वायरल
कर
दिया।
वायरल
वीडियो
सामने
आने
के
बाद
प्रभारी
सचिव
स्वास्थ्य
ने
मामले
का
संज्ञान
लिया
है।
प्रभारी सचिव ने मामले का संज्ञान लिया
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रभारी सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर के इलाज के लिए पहुंचे परिजनों के साथ अभद्रता और नशे में होने के मामले का संज्ञान लिया है। प्रभारी सचिव ने जिला अस्पताल अल्मोड़ा की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ कुसुम लता से तत्काल स्पष्टीकरण मांगा गया है। पूछा गया है कि उक्त घटना को दो दिन होने के पश्चात उसके विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है। इसके लिए तीन दिन के अंदर संपूर्ण घटना का पूर्ण स्पष्टीकरण शासन को देना होगा। प्रभारी सचिव ने बताया कि इस प्रकार की घटनाएं किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं की जाएंगी। इस प्रकार की घटनाओं में कठोर कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग का प्रथम कर्तव्य किसी भी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आए व्यक्तियों को प्रथम उपचार देना है और सरकार की सेवाओं से संतुष्ट करना है।