Unlock-2: चार धाम यात्रा आज से हुई शुरू, जानिए किन-किन नियमों का करना होगा पालन
देहरादून। चार धाम यात्रा की शुरूआत आज यानि एक जुलाई से हो रही है। इसके लिए जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर सारी तैयारियां पूरी कर ली है। हालांकि यह यात्रा पिछले सालों की तरह सामान्य नहीं होगी। चार धाम की यात्रा केवव उत्तराखंड के लोगों के लिए ही है। वहीं, बाहरी राज्यों से आने वाले उत्तराखंड निवासी क्वारंटाइन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही चार धाम की यात्रा कर सकेंगे। कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इस बार चार धाम के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को कई नियमों का पालन करना होगा।
चार धाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के मुताबिक, प्रदेश में रह रहे लोग पहले जिला प्रशासन से मंजूरी लेने के लिए आवेदन देंगे। अनुमति मिलने के बाद ही वे चार धाम की यात्रा पर जा पाएंगे। यात्रा पर जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिला प्रशासन एक वेबसाइट लॉन्च कर दी है। वेबसाइट पर जाकर वे यात्रा के लिए ऑनलाइन आवेदन कराना होगा। इसके बाद उनको प्रशासन यात्रा पास जारी करेगा, जिसके बाद श्रद्धालु चार धाम की यात्रा कर सकते है।
जानिए
चार
धाम
यात्रा
के
नए
नियम
सीईओ
रविनाथ
रमन
के
मुताबिक,
कोरोना
संक्रमण
को
देखते
हुए
इस
बार
चार
धाम
में
श्रद्धालुओं
को
एक
रात
ही
रुकने
की
अनुमति
दी
जाएगी।
लेकिन
बदरीनाथ
धाम
में
किसी
भी
यात्री
को
रात
में
रुकने
की
अनुमति
नहीं
होगी।
इसके
साथ
ही
10
साल
से
कम
और
65
साल
से
ज़्यादा
उम्र
के
व्यक्तियों
को
यात्रा
नहीं
करने
की
सलाह
दी
गई
है।
रविनाथ
रमन
ने
कहा
कि
बोर्ड
के
द्वारा
चारों
धामों
में
यात्रियों
की
संख्या
निर्धारित
की
गई
है।
बदरीनाथ
धाम
में
1200
यात्री,
केदारनाथ
में
800,
गंगोत्री
में
600
और
यमुनोत्री
में
400
यात्रियों
को
प्रतिदिन
आने
की
अनुमति
दी
जाएगी।
कंटेनमेंट
जोन
के
लोगों
को
यात्रा
की
अनुमति
नहीं
चार
धाम
यात्रा
के
लिए
कंटेनमेंट
जोन
के
लोगों
को
अभी
और
इंतजार
करना
होगा।
उनको
फिलहाल
इस
यात्रा
के
लिए
अनुमति
नहीं
दी
गई
है।
क्वारंटाइन
में
रह
रहे
लोग
भी
यात्रा
पर
नहीं
जा
पाएंगे।
उत्तराखंड
से
बाहर
अन्य
प्रदेशों
के
लोगों
को
यात्रा
पर
जाने
की
मंजूरी
नहीं
है।
उत्तराखंड
के
जिन
लोगों
को
यात्रा
पर
जाने
की
अनुमति
प्रशासन
देगा,
उनको
भी
स्थानीय
निवासी
होने
का
प्रमाणपत्र
देना
होगा
तभी
उनको
पास
जारी
किया
जाएगा।
दर्शन
का
समय
चारधाम
यात्रा
पर
आने
वालों
भक्तों
के
लिए
समयसीमा
भी
तय
की
गई
है।
श्रद्धालु
सुबह
सात
से
शाम
के
सात
बजे
तक
दर्शन
कर
पाएंगे।
दर्शन
के
दौरान
भीड़
न
लगे,
इसके
लिए
टोकन
सिस्टम
की
भी
व्यवस्था
की
गई
है।
भक्तों
को
ये
टोकन
मुफ्त
दिए
जाएंगे।
इसके
अलावा,
चारधाम
के
यात्रियों
को
पुजारी
के
पास
जाना
प्रतिबंधित
होगा।