अमरनाथ की तर्ज पर विकसित होगा टिम्मरसैंण महादेव मंदिर, पर्यटन को बढ़ावा देने की ये है योजना
देहरादून। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण पर्यटन और उद्योग-धंधे चौपट हो गए है। ऐसे में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने नई शीतकालीन योजना पर काम शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, पर्यटन को प्रोत्साहन देने के साथ ही चमोली जिले की नीती घाटी में स्थित टिम्मरसैंण में स्थित महादेव के मंदिर को अमरनाथ की तर्ज पर विकसित करने की भी योजना है।
दरअसल, मार्च में शुरू होने वाली टिम्मरसैंण में स्थित महादेव मंदिर की यात्रा का इस बार कोरोना वायरस के कारण अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। यात्रा को शुरू कराने के लिए गुरुवार को उत्तराखंड के पर्यटन और संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज खुद केंद्रीय पर्यटन व संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने टिम्मरसैंण की यात्रा को अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया। साथ ही कहा कि केन्द्र सरकार यात्रा की अनुमति प्रदान करती है तो पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ उत्तराखंड के इस अंतिम गांव में अन्य स्थानीय लोग भी आकर बसेंगे।
उन्होंने कहा कि जो भी पर्यटक इस सीमांत गांव की यात्रा करेगा या वहां रुकेगा उसे प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा। इससे ट्राइवल टूरिज्म को बढ़ावा भी मिलेगा। सतपाल महराज ने चारधाम यात्रा के लिए ऑल वैदर रोड़ के कार्य को जल्द पूरा करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह से भी मुलाकात की। साथ ही अनुरोध किया कि शीतकाल में सड़कों पर बर्फबारी से पर्यटकों को असुविधा न हो इसके लिए सड़कों पर जमा बर्फ की सफाई का भी उचित प्रबंध होना चाहिए।
टिम्मरसैंण
की
पहाड़ी
पर
स्थित
है
गुफा
जोशीमठ-नीती
हाइवे
पर
नीती
गांव
से
एक
किमी
पहले
टिम्मरसैंण
में
पहाड़ी
पर
स्थित
गुफा
के
अंदर
एक
शिवलिंग
विराजमान
है।
इस
पर
पहाड़ी
से
टपकने
वाले
जल
से
हमेशा
अभिषेक
होता
रहता
है।
इसी
शिवलिंग
के
पास
बर्फ
पिघलने
के
दौरान
प्रतिवर्ष
बर्फ
का
एक
शिवलिंग
आकार
लेता
है।
अमरनाथ
गुफा
में
बनने
वाले
शिवलिंग
की
तरह
इस
शिवलिंग
की
ऊंचाई
ढाई
से
तीन
फीट
के
बीच
होती
है।
स्थानीय
लोग
इसे
बर्फानी
बाबा
के
नाम
से
जानते
हैं।
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