टिकट बंटवारें में नजर नहीं आया सर्वे का रिजल्ट, युवा फेक्टर दरकिनार, बहुगुणा कैंप और कांग्रेसी गोत्र दिखा हावी
टिकट बंटवारें में नजर नहीं आया सर्वे का रिजल्ट, युवा फेक्टर दरकिनार, बहुगुणा कैंप और कांग्रेसी गोत्र दिखा हावी
देहरादून, 21 जनवरी। उत्तराखंड में भाजपा ने 59 प्रत्याशियों की पहली सूची कांग्रेस से पहले तो जारी कर दी। लेकिन जिन दावों की भाजपा अब तक बात करती आई है, वे सभी दावे इस लिस्ट में तो नजर नहीं आए हैं। जिनमें सर्वे कराने और बेहतर प्रदर्शन करने वालों को ही टिकट देने का दावा किया जाता रहा है। इतना ही नहीं सर्वे में बेहतर प्रदर्शन न करने वाले विधायकों को टिकट काटने का दावा भी किया था। लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा में मची भगदड़ के बाद उत्तराखंड में भाजपा ने अपने सिटिंग विधायकों के टिकट काटने से बचती नजर आई है। शुरूआत में भाजपा के 30 से ज्यादा विधायकों के टिकट कटने का दावा किया गया लेकिन टिकट बंटवारे तक भाजपा 10 विधायक पर पहुंच पाई। ऐसे में ये माना जा रहा है, कि भाजपा को उत्तर प्रदेश में हुई दलबदल का डर उत्तराखंड में भी नजर आने लगा था।
युवा
नेतृत्व
और
युवा
सरकार
का
है
दावा,
टिकटों
में
गायब
इसके
बाद
बात
करतें
है
भाजपा
के
युवा
सरकार
और
युवा
प्रत्याशियों
की।
भाजपा
की
पहली
सूची
पर
नजर
डालें
तो
पहली
सीट
पुरोला
अंतिम
सीट
खटीमा
को
छोड़कर
बीच
में
कुछ
ही
सीट
पर
ही
युवा
प्रत्याशी
नजर
आ
रहे
हैं।
भाजपा
की
पहली
सूची
में
कई
ऐसे
प्रत्याशी
हैं,
जो
उम्र
के
ऐसे
पड़ाव
में
हैं
जहां
भाजपा
मार्गदर्शक
मंडल
मानने
लगती
है।
उत्तराखंड
में
ऐसे
चेहरों
में
बंशीधर
भगत,
सविता
कपूर,
बिशन
सिंह
चुफाल,
सतपाल
महाराज
आदि
कई
चेहरे
हैं।
ऐसे
में
सवाल
ये
उठता
है
कि
भाजपा
का
युवा
प्रत्याशियों
पर
ज्यादा
दांव
लगाने
की
रणनीति
को
भी
भाजपा
ने
अंतिम
समय
में
बदला
है।
भाजपा
ने
दूसरे
दलों
को
परिवारवाद
को
लेकर
राजनीति
करने
का
दावा
किया
है,
हालांकि
भाजपा
ने
एक
परिवार
से
एक
ही
दावेदार
को
टिकट
दिया
है।
लेकिन
भाजपा
ने
एक
परिवार
के
दूसरे
दावदारों
को
आगे
लेकर
परिवारवाद
की
छाप
भी
नजर
आ
रही
है।
कैंट
विधायक
दिवंगत
हरबंस
कपूर
की
पत्नी
सविता
कपूर,
खानपुर
विधायक
प्रणव
चैंपियन
की
जगह
उनकी
पत्नी
देवयानी,
काशीपुर
से
विधायक
हरभजन
सिंह
चीमा
की
जगह
त्रिलोक
सिंह
चीमा
को
टिकट
देकर
भाजपा
के
प्रत्याशियों
में
कहीं
न
कहीं
परिवारवाद
की
छाप
नजर
आती
है।
हालांकि
एक
परिवार
से
एक
टिकट
का
फॉर्मूला
जरुर
भाजपा
ने
सामने
रखा
है।
बहुगुणा
कैंप
और
कांग्रेसी
गोत्र
हावी
अलावा
भाजपा
के
59
प्रत्याशियों
में
अधिकतर
विजय
बहुगुणा
कैंप
के
विधायकों
को
मौका
मिला
है।
इतना
ही
नहीं
बहुगुणा
कैंप
के
किसी
भी
विधायक
का
टिकट
नहीं
कटा
है।
59
सीटों
में
बहुगुणा
कैंप
के
पुत्र
सौरभ
सितारगंज
से,
नरेंद्रनगर
से
सुबोध
उनियाल,
रुड़की
से
प्रदीप
बत्रा,
रायपुर
से
उमेश
शर्मा
काउ,
यमुनोत्री
से
केदार
सिंह
रावत,
गंगोत्री
से
सुरेश
चौहान,
जसपुर
से
शैलेन्द्र
मोहन
सिंघल
शामिल
है।
इसके
अलावा
भाजपा
की
पहली
सूची
में
कांग्रेसी
गोत्र
के
सभी
विधायकों
के
टिकट
रिपीट
हुए
हैं।
जिनमें
सतपाल
महाराज,
सुबोध
उनियाल,
प्रदीप
बत्रा,
रेखा
आर्य,
केदार
सिंह
रावत,
उमेश
शर्मा
काउ,
शैलेन्द्र
मोहन
सिंघल
सभी
अपने
टिकट
पाने
में
सफल
हुए
हैं।
इतना
ही
नहीं
अंतिम
समय
में
जिस
तरह
सरिता
आर्य
और
दुर्गेश
लाल
टिकट
पाने
में
कामयाब
हुए
वह
भी
भाजपा
के
पुराने
कार्यकर्ताओं
के
लिए
थोड़ा
पचा
पाना
मुश्किल
हो
सकता
है।