उत्तराखंड की धामी सरकार का विधानसभा का आखिरी सत्र, इन मुद्दों पर टिकी सबकी निगाहें
उत्तराखंड की धामी सरकार का विधानसभा का आखिरी सत्र, इन मुद्दों पर टिकी सबकी निगाहें
देहरादून, 8 दिसंबर। चुनाव में जाने से पहले उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस विधानसभा सत्र में अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए रणनीति तैयार कर चुके हैं। गुरूवार से दो दिन तक चलने वाले सत्र को लेकर भाजपा और कांग्रेस अपनी रणनीति में जुटी हैं। विपक्ष जहां सदन से लेकर सड़क तक सरकार की मुश्किलें बढ़ाने की कोशिश में हैं, वहीं धामी सरकार चुनाव से पहले सदन में बड़ी घोषणाएं कर चुनावी लाभ लेने की कोशिश जरुर करेगी। जिनमें भू कानून, देवस्थानम बोर्ड, नए जिलों के पुर्नगठन के मुद्दे शामिल हैं।
9 और 10 दिसंबर को विधानसभा सत्र
उत्तराखंड में धामी सरकार का आखिरी विधानसभा सत्र गुरूवार 9 दिसंबर और शुक्रवार 10 दिसंबर को आयोजित हो रहा है। इसके लिए सरकार और विपक्ष अपने अपने मोर्चे पर तैयारी कर चुकी है। चुनाव से पहले विपक्ष महंगाई, रोजगार, भू कानून और गैरसेंण के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। इसके साथ ही यशपाल आर्य और उनके पुत्र के काफिले पर हुए हमले को भी विपक्ष सदन में उठा सकती है। कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस गैरसेंण मुद्दे पर रहने वाला है। पूर्व सीएम हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पहले ही सत्र के दौरान गैरसेंण में उपवास करने का ऐलान किया है। जिससे गैरसेंण के भावनात्मक मुद्दे को चुनाव में उठाया जा सकेा पूर्व सीएम हरीश रावत ने गैरसेंण पर कांग्रेस का विजन लाकर भाजपा की मुश्किलें जरुर बढा दी है, इधर सरकार पर देवस्थानम एक्ट और भू कानून को लेकर सदन के अंदर निर्णय लेने का दबाव है। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का निर्णय सरकार कैबिनेट में ले चुकी हैा लेकिन सदन के अंदर एक्ट को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी होगीा इसी तरह भू कानून को लेकर बनाई गई समिति ने आम लोगों के सुझाव ले लिए हैं, जिसके आधार पर सरकार को रिपोर्ट साैंपी जा सकती हैा सरकार की कोशिश होगी कि इसी सत्र में भू कानून पर राज्य हित में कोई फैसला लेकर चुनावी माहौल गर्माया जा सकेा इसके अलावा राज्य कर्मचारियों के आंदोलन और आक्रामक रुख को देखते हुए सरकार चुनावी साल को देखते हुए सदन से कुछ बड़े फैसले भी ले सकती है। सरकार पर नए जिलों के पुर्नगठन को लेकर भी अपनी मंंशा साफ करने का दबाव हैा ऐसे में सभी की निगाहें आखिरी सत्र पर टिकी हैं।
विधायकों
की
ओर
से
250
प्रश्न
आए
कोविड
को
देखते
हुए
विधानसभा
सत्र
में
विधायकों
को
24
घंटे
पूर्व
की
आरटीपीसीआर
रिपोर्ट
के
साथ
प्रवेश
मिलेगा।
अधिकारियों,
मीडिया
कर्मियों
और
अन्य
विजिटर्स
के
लिए
भी
आरटीपीसीआर
जांच
अनिवार्य
की
गई
है।
जो
रिपोर्ट
लेकर
नहीं
आएंगे,
उनका
विधानसभा
में
ही
एंटीजन
टेस्ट
किया
जाएगा।
विधानसभा
अध्यक्ष
ने
बताया
कि
आगामी
सत्र
के
लिए
विधायकों
की
ओर
से
250
प्रश्न
आए
हैं।
उन्होंने
बताया
कि
सत्र
की
कार्रवाई
का
वेबकास्ट
भी
किया
जाएगा।
सत्र
के
दौरान
केवल
विधानसभा
अध्यक्ष,
उपाध्यक्ष,
नेता
सदन,
नेता
प्रतिपक्ष
और
मंत्रियों
के
वाहन
को
ही
प्रवेश
की
अनुमति
होगी।
विधानसभा घेराव स्थगित
तमिलनाडु में विमान दुर्घटना में भारतीय सेना के सर्वोच्च अधिकारी सीडीएस बिपिन रावत केे आकस्मिक निधन के बाद सत्र के पहले दिन एनएसयूआई और भू कानून को लेकर संगठनाें ने अपना विधानसभा घेराव का कार्यक्रम स्थगित कर दिया हैा
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