उत्तराखंड में विजय संकल्प यात्रा का आगाज और समापन है भाजपा के लिए खास, जानिए कैसे
खटीमा में केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी हुए शामिल
देहरादून, 4 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देहरादून में आयोजित हुई विजय संकल्प महारैली के सफल आयोजन के बाद 18 दिसंबर को शुरू हुई भाजपा की विजय संकल्प यात्रा का कुमाऊं मंडल चरण का खटीमा में समापन हो गया है। इस मौके पर केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊधमसिंह नगर में खटीमा शहीद स्मारक पर उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। गढ़वाल मंडल के चरण का समापन 6 जनवरी को उत्तरकाशी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। इसके बाद पूरे उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीट पर भाजपा की विजय संकल्प यात्रा पूरी हो जाएगी।
हरिद्वार से हुआ आगाज
4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून में विजय संकल्प रैली आयोजित की। इसके बाद भाजपा ने इस रैली के जोश को कार्यकर्ताओं और जनता के बीच पहुंचाने के लिए विजय संकल्प यात्रा शुरू की थी। 19 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुमाऊं से विजय संकल्प यात्रा का शुभारंभ करने बागेश्वर जिले से की थी। जिसका मंगलवार को खटीमा में समापन हो गया। खटीमा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा सीट भी है। ऐसे में इस सीट पर मुख्यमंत्री ने शक्ति प्रदर्शन किया है। इस मौके पर रोड शो का भी आयोजन हुआ। खटीमा में जनसभा को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड के विकास के लिए डबल इंजन की सरकार देनी है।उन्होंने बताया कि अब पेट्रोल-डीजल इस्तेमाल नहीं होगा। किसान के बनाए हुए इथेनॉल पर हमारी बस, कार, ट्रक चलेंगे और गन्ने को उसका भाव मिलेगा।
उत्तरकाशी में होगा समापन
विजय संकल्प यात्रा की शुरूआत गढ़वाल में 18 दिसंबर को हरिद्वार से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की थी। इसका समापन 6 जनवरी को उत्तरकाशी में किया जा रहा है। जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शिरकत करेंगे। पार्टी विजय संकल्प यात्रा के शुभारंभ और समापन के लिए खास सीटों का चयन कर रही है। हरिद्वार से यात्रा का शुभारंभ हुआ था, जो कि प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की विधानसभा सीट है। अब पार्टी गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री सीट पर इस यात्रा का समापन कर रही है। गंगोत्री सीट का उत्तराखंड की राजनीति और विधानसभा में अहम रोल रहता है। 21 साल में ये मिथक अब तक टूटा नहीं है कि जिस पार्टी का विधायक गंगोत्री से जीतकर आया, सरकार उसी दल ने बनाई। अब भाजपा का गंगोत्री सीट पर फोकस है। इस बार गंगोत्री सीट पर समीकरण बदले हुए हैं। गंगोत्री सीट पर 2017 में भाजपा के गोपाल रावत विधायक चुनकर आए थे, लेकिन हाल ही में उनका निधन हो गया। अब भाजपा के लिए इस सीट पर प्रत्याशी का चयन करना सबसे मुश्किल माना जा रहा है। भाजपा से दावेदारों की संख्या दर्जनों हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला सूरतराम नौटियाल, सुरेश चौहान और शांति गोपाल रावत के बीच में ही मानी जा रही है। ऐसे में 6 जनवरी को गंगोत्री सीट पर दावेदारी को लेकर भी शक्ति प्रदर्शन होना तय है। इसके अलावा गंगोत्री सीट पर सैनिक वोटर भी बड़ी संख्या में है। ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का उत्तरकाशी में जनसभा को संबोधित करना भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।