परिवहन सेक्टर को उत्तराखंड सरकार ने दी राहत, यात्री और माल वाहनों को नहीं देना होगा तीन महीने का टैक्स
देहरादून। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड में परिवहन सेक्टर का हाल बेहाल हो गया था। तो वहीं, अब परिवहन सेक्टर को इस संकट से बाहर निकालने के लिए उत्तराखंड सरकार ने बड़ी राहत दी है। दरअसल, त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने गुरूवार को हुई कैबिनेट बैठक में सभी छोटे-बड़े यात्री और मालवाहक वाहनों का तीन महीने का मोटर व्हीकल टैक्स एक बार फिर से माफ करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश के डेढ़ लाख से ज्यादा वाहनों को इस फैसले का लाभ मिलेगा। वहीं, दूसरी तरफ सरकार ने हाउस टैक्स को लेकर सैन्य अफसरों को झटका दे दिया है। अबसे केवल जेसीओ रैंक से नीचे के कार्यरत और रिटायर सैन्य कर्मियों और उनकी वीर नारियों को ही हाउस टैक्स में छूट मिलेगी। बता दें कि यह फैसला राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए लिया गया है।
नहीं
देना
होगा
तीन
माह
का
टैक्स
सभी
स्टेज
और
कांट्रेक्ट
कैरिज
बसे,
स्कूल
बस,
कॉट्रेक्ट
कैरिज
टैक्सी,
मैक्सी,
ऑटो
रिक्शा,
विक्रम,परमिट
छूट
प्राप्त
ई-रिक्शा
और
सभी
भार
वाहन
को
और
तीन
माह
का
मोटर
व्हीकल
टैक्स
नहीं
देना
होगा।
इससे
सरकार
को
करीब
75
करोड़
रुपए
का
नुकसान
होगा।
इससे
पहले
28
मई
2020
को
भी
सरकार
ने
तीन
महीने
का
शुल्क
माफ
कर
दिया
था।
राज्य
में
ऐसे
सभी
वाहनों
की
संख्या
1.5
लाख
से
ज्यादा
है।
सैन्य
अधिकारियों
हाउस
टैक्स
में
नहीं
मिली
छूट
राज्य
के
सीमित
संसाधनों
को
देखते
हुए
सैनिक
कल्याण
विभाग
ने
अधिकारियों
को
हाउस
टैक्स
में
छूट
देने
से
इनकार
कर
दिया
है।
ये
छूट
केवल
हवलदार
और
रिटायर
हवलदार,
नायक,
लांस
नायक,
सिपाही
को
छूट
मिलेगी।
इतना
ही
नहीं,
सैनिक
विधवाओं
को
भी
नहीं
देना
होगा
हाउस
टैक्स।
वर्तमान
में
राज्य
में
पूर्व
सैनिकों
की
संख्या
1.70
लाख
से
ज्यादा
है।
इनमें
विधवाओं
की
संख्या
43
हजार
232
है।
जबकि
कार्यरत
सैनिकों
की
संख्या
80
हजार
के
करीब
है।
इनमें
कार्यरत-रिटायर
सैन्य
अधिकारी
भी
शामिल
हैं।
कैबिनेट
बैठक
में
आए
30
प्रस्ताव
लोनिव
में
संविदा
के
आधार
पर
नियुक्त
कार्यरत
307
कनिष्ठ
अभियंताओं
का
वर्तमान
में
प्रतिमाह
15
हजार
रुपए
मानदेय
मिलता
है।
इसे
24
हजार
रुपए
करने
का
प्रस्ताव
लाया
गया
था।
कैबिनेट
ने
इस
प्रस्ताव
को
मंजूरी
दे
दी
है।
बता
दें,
गुरूवार
को
कैबिनेट
मीटिंग
में
30
प्रस्ताव
आए
थे।
इनमें
मदन
मोहन
पुंछी
कमेटी
की
रिपोर्ट
पर
काबीना
मंत्री
डॉ.
हरक
सिंह
रावत
की
अध्यक्षता
में
कैबिनेट
सब
कमेटी
बनाई
गई
है।
इसमें
शहरी
विकास
मंत्री
मदन
कौशिक,
कृषि
मंत्री
सुबोध
उनियाल
और
शिक्षा
मंत्री
अरविंद
पांडे
को
भी
रखा
गया
है।
एक
प्रस्ताव
को
वापस
ले
लिया
गया।
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