उत्तरकाशी: जमकर बर्फबारी, बिजली प्रभावित होने से गांवों में अंधेरा, लोग घरों में कैद
Uttarakhand news, उत्तरकाशी। गंगा-यमुना की पहाड़ियों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली जिससे नजारा दिलकश हो गया है। मंगलवार का दिन उत्तरकाशी के लिए कुछ खास रहा जब अचानक यहां कि पहाड़ियां बर्फ से लकदक हो गई। भागीरथी घाटी के निचले हिस्सों में लंबे समय बाद हुई बारिश से किसानों के चेहरों मे रौनक लौट आयी है। बारिश और बर्फ लोगों के लिये मुश्किलें भी लेकर आई। बर्फबारी से राडी टाप से बड़कोट, पुरोला, मोरी मार्ग बंद होने के कारण जिले के करीब 300 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा है। वहीं, भारी बर्फ़बारी के चलते विद्युत लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से जिला मुख्यालय उत्तरकाशी के आसपास सहित यमुना घाट के 250 से अधिक गांव में पिछले 30 घंटों से अंधेरा छाया हुआ है। उत्तरकाशी- देहरादून, लंबगांव मार्ग सहित जिले की दर्जनों सड़कें बंद हैं। खराब मौसम के चलते बर्फ हटाने का कार्य शुरू भी नहीं पा रहा है।
उत्तरकाशी जिले के लगभग हर गांव में बर्फ़बारी हुई है जिससे जनजीवन पर भी असर पड़ा है। तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे कड़ाके की ठंड पड़ रही है। उत्तरकाशी शहर में लंबे समय बाद करीब 10 वर्षों बाद हिमपात हुआ, जिसे देखने लोग अपने घरों से बाहार निकले। भारी हिमपात के बाद जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने जिला आपदा प्राधिकरण कक्ष में आपात बैठक बुलाई।
सोमवार से ही देर सायं को पहाड़ों पर बर्फबारी व बारिश शुरू हो गई थी। भारी बर्फबारी से यमुनोत्री, गंगोत्री राजमार्ग, राडी टॉप, चौरंगी खाल, सुवाखोली सहित मोरी के कई सडकें बंद हो गईं। खराब मौसम से जिले का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त रहा। इधर, डीएम डॉ आशीष चौहान ने आपदा कन्ट्रोल रूम में जिले के सभी एसडीएम से रिपोर्ट तलब कर एनएच बड़कोट, बीआरओ सहित लोनिवि को सड़के खोलने के निर्देश दिये।
गंगोत्री क्षेत्र के भैरवघाटी, हर्षिल, धराली, भटवाड़ी, रैथल, चौरंगी, अस्सी गंगा घाटी, यमुनोत्री के खरसाली, मोरी जखोल, लिवाडी, फीताडी, ओसला सहित तीन दर्जन गांव में एक फीट तक बर्फबारी हुई, जिससे ग्रामीण घरों में कैद हो गये। सीजन की तीसरी बर्फबारी से किसानों और बागवानों के चेहरे पर रौनक लौट आई है। सेब के लिये बर्फबारी अच्छी मानी जाती है।
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