Rishikesh की इस गुफा में 'सुकून' तलाशने गई थी श्रद्धा वॉकर, आखिरी ट्रिप साबित हुई ये जगह
श्रद्धा मर्डर केस और ऋषिकेश की वशिष्ठ गुफा का कनेक्शन
दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस में आए दिन खुलासे हो रहे हैं। साथ ही इस मर्डर मिस्ट्री से लगातार नई बातें सामने आ रही है। इस केस में पुलिस के सामने जो बातें सामने आई है, उसमें एक खास बात ये भी सामने आई है। श्रद्धा और आफताब इस हत्याकांड से पहले उत्तराखंड और हिमाचल आए थे। उत्तराखंड में जिस जगह की श्रद्धा केस से जोड़कर सबसे ज्यादा चर्चे हो रहे हैं। वह है ऋषिकेश की वशिष्ठ गुफा।
ऋषिकेश से 16 किमी की दूरी पर गंगा नदी के तट पर
वशिष्ठ गुफा ऋषिकेश से 16 किमी की दूरी पर गंगा नदी के तट पर स्थित है। जो कि देश ही नहीं विदेशी पर्यटकों के लिए भी खास जगह मानी जाती है।
श्रद्धा गंगा किनारे बैठी दिखाई दे रही
दिल्ली में लिव इन पार्टनर आफताब की बेरहमी का शिकार हुई श्रद्धा वाकर हत्या से 2 हफ्ते पहले दिन पहले घूमने ऋषिकेश आई थी। श्रद्धा ने इसी जगह एक इंस्टा रील बनाकर अपलोड किया था। यह वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ है। इसमें श्रद्धा गंगा किनारे बैठी दिखाई दे रही है।
कैप्शन में लिखा "मैं वशिष्ठ गुफा में गंगा तट पर गई'
इस रील में कैप्शन में लिखा है कि 1500 किमी यात्रा के बाद मैंने अपने दिन को सूर्यास्त के साथ खत्म करने का फैसला किया। मैं वशिष्ठ गुफा में गंगा तट पर गई। किसे पता था कि मैं गंगा तट पर ऐेसे बैठकर यहां की सुंदरता निहारते हुए समय व्यतीत करूंगी।
श्रद्धा ऋषिकेश स्थित वशिष्ठ गुफा और उसके आसपास गई थी
जिससे यह साफ हुआ कि श्रद्धा ऋषिकेश स्थित वशिष्ठ गुफा और उसके आसपास गई थी। इस जगह को अब पुलिस के साथ मीडिया में सर्च कर रही है। जिससे श्रद्धा के आखिरी दिनों को लेकर कुछ इनपुट मिल सके।
गुफा के पास ही हिन्दुओं द्वारा पवित्र माना जाने वाला एक शिवलिंग
ऋषिकेश की वशिष्ठ गुफा यह जगह आध्यात्मिक दुनिया में खासा पसंद की जाती है। यह गुफा ध्यान के लिये एक प्रमुख स्थान है और यह गूलर के पेड़ों के बीच स्थित है। गुफा के पास ही हिन्दुओं द्वारा पवित्र माना जाने वाला एक शिवलिंग है।
आश्रम गुफा के पास ही स्थित
बताया जाता है कि विख्यात हिन्दू सन्त श्री स्वामी पुरुषोत्तमानन्द इस स्थान पर 1928 और 1961 में आये थे। उनका आश्रम गुफा के पास ही स्थित है। दावा है कि इनमें से एक गुफा 3000 साल से भी ज्यादा पुरानी है।
भगवान राम के कुलगुरु ऋषि वशिष्ठ का निवास स्थल
यह भी मान्यता है कि यह जगह भगवान राम के कुलगुरु ऋषि वशिष्ठ का निवास स्थल था। कहा जाता है कि पहले यह गुफा आगे भी खुलती थी, लेकिन अब यह गुफा आगे से बंद कर दी गई है।
यह जगह छोटा और आसान ट्रैक
यह जगह सड़क के रास्ते से जाता हुआ छोटा और आसान ट्रैक है। गुफा के अंदर एक शिवलिंग की पूजा की जाती है। मंदिर के ठीक बगल में, एक रास्ता सफेद रेत से ढके एक विशाल कंकड़ वाले समुद्र तट की ओर जाता है। अरुंधति गुफा भी इसी समुद्र तट पर स्थित है।
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