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कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच पौड़ी के युवाओें ने पेश की मिसाल, गांव में सड़क और 55 फीट लंबा पुल किया तैयार

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पौड़ी। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड के पौड़ी जिले के युवाओं ने कुछ ऐसा कर दिखाया, जिससे उनकी हर तरफ तारीफ हो रही है। जी हां, पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के बूंगा गांव के रहने वाले युवाओं ने 75 दिन के लॉकडाउन में अपनी मेहनत से सड़क और पुल का निर्माण कर डाला। इतना ही नहीं, युवाओं ने अपने गांव को मुख्य सड़क से जोड़ दिया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस गांव में सड़क तक नहीं थी, पिछली पीढ़ियां दुश्वारियां झेल रही थी।

बीरकाटल गांव मुख्य मार्ग से करीब साढ़े तीन किलोमीटर दूर

बीरकाटल गांव मुख्य मार्ग से करीब साढ़े तीन किलोमीटर दूर

पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में बूंगा ग्रामसभा का बीरकाटल गांव मुख्य मार्ग से करीब साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी पर है। गांव तक पहुंचने के लिए नदी पर तीन बिजली के खंभों से बनी पुलिया और एक संकरी पगडंडी ही सहारा थी। कई पीढ़ियां इसी पगडंडी को नापकर मर-खप गई। नेताओं के आश्वासन और प्रशासन से मिली उम्मीद भी किसी काम न आई, सड़क तो दूर इस पगडंडी और कामचलाऊ पुलिया की तस्वीर भी नहीं बदल पाई।

युवाओं ने खुद ही अपने भविष्य को संवारने का लिया निर्णय

युवाओं ने खुद ही अपने भविष्य को संवारने का लिया निर्णय

कोरोना वायरस को रोकने के लिए देश में लागू हुए लॉकडाउन में यहां के ग्रामीणों ने सरकार और जिला प्रशासन का मुंह ताकने के बजाए खुद ही अपने भविष्य को संवारने का निर्णय लिया। इस काम में उनका साथ दिया गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य, पूर्व सैनिक और पर्वतारोही सुदेश भट्ट ने। लॉकडाउन में 17 अप्रैल को गांव के जोशीले युवाओं ने इस सड़क को बनाने का बीड़ा उठाया। युवाओं के इस उत्साह और हौसले को देखकर गांव के बड़े, बुजुर्ग और महिलाएं भी इस मुहिम में जुट गई। आखिर मात्र 38 दिनों में गांव तक दुपहिया वाहनों के आवागमन के लिए सड़क तैयार कर दी।

दूसरी चुनौती बनी नदी के ऊपर बनी पुलिया

दूसरी चुनौती बनी नदी के ऊपर बनी पुलिया

युवाओं के लिए दूसरी बड़ी चुनौती बनी नदी के ऊपर बिजली के खंभों से बनी पुलिया। सड़क की सफलता से लवरेज युवाओं ने स्वयं ही पुलिया निर्माण का भी फैसला लिया। बिना किसी सरकारी मदद के ग्रामीणों ने स्वयं ही चंदा एकत्र कर निर्माण सामग्री के लिए धन जुटाया। गांव के ही कुशल इंजीनियरों की मदद से पुल का नक्शा तैयार कर निर्माण शुरू किया गया। यहां भी 55 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद 55 फीट लंबे, 10 फीट चौड़े और 19 फीट ऊंचा पुल तैयार कर ग्रामीणों ने सफलता की इबारत लिख डाली।

मेहनत से सरकार को दिखाएंगे आईना

मेहनत से सरकार को दिखाएंगे आईना

बूंगा ग्राम सभा के ग्रामीणों ने वीरकाटल गांव में दुपहिया वाहनों के लिए सड़क और पुल तैयार कर एक नई कहानी गढ़ी है। इस सफलता से ग्रामीणों के हौसले बुलंद हैं। अब ग्रामीणों का लक्ष्य दूसरे चरण में गांव तक चौपहिया वाहनों के लिए सड़क तैयार करने का है। ग्रामीणों का कहना है कि अब विकास के लिए वह सरकार का मुंह नहीं ताकेंगे, बल्कि अपनी मेहनत से सरकार को आईना दिखाने का काम करेंगे।

लॉकडाउन के नियमों का किया पूरा पालन

लॉकडाउन के नियमों का किया पूरा पालन

क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट ने बताया कि मार्ग पर पुल के निर्माण के दौरान शारीरिक दूरी का भी पूरा पालन किया गया। काम करने वाले युवक अपने साथ घर से ही भोजन तैयार करने के लिए सामग्री लाते हैं और कार्यस्थल पर ही पूरी टीम के लिए एक साथ भोजन तैयार किया गया। अधिकांश काम भी समूह के बजाय अलग-अलग उचित दूरी बनाकर किया गया। लॉकडाउन में तैयार किया गया वीरकाटल गांव को जोड़ने वाले मार्ग को ग्रामीणों ने यहां के स्वाधीनता संग्राम सेनानी स्व. चंदन सिंह बिष्ट को समर्पित किया है। इस मार्ग का पूरा नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. चंदन सिंह बिष्ट जनशक्ति मार्ग रखा गया है।

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English summary
Roads and bridges in Pauri district youth of Uttarakhand built in village due to corona virus and lockdown
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