1 जुलाई से शुरू हो रही चार धाम यात्रा पर नहीं जा पाएंगे दूसरे प्रदेशों के निवासी, सिर्फ उत्तराखंड के लोगों को अनुमति
देहरादून। कोरोना वायरस का संक्रमण देश में फैलने का असर चार धाम यात्रा पर भी पड़ा। हर साल अमूमन अप्रैल-मई में शुरू होने वाली यह यात्रा इस बार जून तक नहीं शुरू हो पाई है। बहुत सोच-विचार के बाद उत्तराखंड सरकार ने एक जुलाई से यात्रा को शुरू करने का फैसला किया है लेकिन फिलहाल यह यात्रा पिछले सालों की तरह सामान्य नहीं होगी। अभी सभी लोगों को चार धाम यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। सीमित संख्या में लोग ही केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा कर दर्शन का लाभ उठा पाएंगे।
एक जुलाई से शुरू हो रही चार धाम यात्रा के लिए अभी सिर्फ उत्तराखंड निवासियों को ही अनुमति दी गई है। चार धाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन के मुताबिक, प्रदेश में रह रहे लोग पहले जिला प्रशासन से मंजूरी लेने के लिए आवेदन देंगे। अनुमति मिलने के बाद ही वे चार धाम की यात्रा पर जा पाएंगे। यात्रा पर जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिला प्रशासन सोमवार तक वेबसाइट लॉन्च कर देंगे। वेबसाइट पर जाकर वे यात्रा के लिए आवेदन कर पाएंगे। इसके बाद उनको प्रशासन यात्रा पास जारी करेगा।
कंटेनमेंट
जोन
के
लोगों
को
यात्रा
की
अनुमति
नहीं
चार
धाम
यात्रा
के
लिए
कंटेनमेंट
जोन
के
लोगों
को
अभी
और
इंतजार
करना
होगा।
उनको
फिलहाल
इस
यात्रा
के
लिए
अनुमति
नहीं
दी
गई
है।
क्वारंटाइन
में
रह
रहे
लोग
भी
यात्रा
पर
नहीं
जा
पाएंगे।
उत्तराखंड
से
बाहर
अन्य
प्रदेशों
के
लोगों
को
यात्रा
पर
जाने
की
मंजूरी
नहीं
है।
उत्तराखंड
के
जिन
लोगों
को
यात्रा
पर
जाने
की
अनुमति
प्रशासन
देगा,
उनको
भी
स्थानीय
निवासी
होने
का
प्रमाणपत्र
देना
होगा
तभी
उनको
पास
जारी
किया
जाएगा।
चार
धामों
में
सीमित
संख्या
में
लोगों
को
जाने
की
मंजूरी
अभी
सरकार
ने
यह
तय
किया
है
कि
बद्रीनाथ
धाम
में
1200
श्रद्धालुओं
को
जाने
की
अनुमति
दी
जाएगी।
वहीं
केदारनाथ
में
800,
गंगोत्री
में
600
और
यमुनोत्री
में
400
श्रद्धालुओं
को
जाने
की
मंजूरी
देने
का
फैसला
लिया
गया
है।
चार
धाम
यात्रा
के
सीईओ
रविनाथ
रमन
ने
कहा
कि
जितनी
संख्या
में
लोगों
को
जाने
की
अनुमति
दी
जा
रही
है
फिलहाल
उनके
लिए
वहां
पूरी
तैयारी
की
गई
है।
उन्होंने
कहा
कि
तीर्थ
पुरोहितों
का
एक
धड़ा
यात्रा
शुरू
करने
को
तैयार
है।
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