उत्तराखंड में कांग्रेस की सूची जारी होने से पहले ही बगावत, सरिता आर्य बोलीं- भाजपा टिकट देगी तो जाऊंगी
देहरादून, 15 जनवरी। उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची सामने आने से पहले ही बगावत के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। उत्तराखंड महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सरिता आर्य की भाजपा जाने की अटकलें तेज हो गई हैं। सूत्रों का दावा है कि उन्होंने बीजेपी चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी से मुलाकात भी की है। हालांकि, सरिता आर्य ने मुलाकात से तो इंकार किया है लेकिन इस बात को भी कहा कि अगर बीजेपी उन्हें टिकट देगी तो वो जरूर बीजेपी में शामिल हो जाएंगी। बता दें कि सरिता आर्य पिछला चुनाव नैनीताल सुरक्षित सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन इस बार उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है। यशपाल आर्य के कांग्रेस में वापसी के बाद उनके बेटे संजीव आर्य को नैनीताल सीट से टिकट फाइनल माना जा रहा है। वे सिटिंग विधायक हैं।

नैनीताल से टिकट कटना तय
उत्तराखंड में कांग्रेस की पहली सूची कभी भी जारी हो सकती है। इधर अपना टिकट कटता देख महिला कमेटी की अध्यक्ष सरिता आर्य ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। सरिता आर्य भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि ये माना जा रहा है कि सरिता आर्य भाजपा हाईकमान के टिकट के पक्के वादे के बाद ही पार्टी को अलविदा कहेंगी। पूर्व विधायक सरिता आर्य टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ने का पहले ही एलान कर चुकी हैं। साथ ही उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में ये बात भी कही थी कि नैनीताल सीट से टिकट को लेकर वह कोई समझौता नहीं करेंगी। बीते साढ़े चार वर्षों में उन्होंने नैनीताल सीट को मेहनत से सींचा है। पार्टी का प्रतिनिधित्व कर वह चुनाव की तैयारी कर रही हैं। अगर शीर्ष नेतृत्व द्वारा उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो वह पार्टी छोड़ देंगी। इससे पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य के कांग्रेस ज्वाइन करने के 24 घंटे के भीतर ही कांग्रेस की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य खुलकर विरोध में आ चुकी हैं। तब भी सरिता आर्य ने पार्टी छोड़ने की धमकी दे डाली है।
पहले दिन से हो रहा विरोध
कांग्रेस की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य 2017 विधानसभा चुनाव में नैनीताल सीट से संजीव आर्य के खिलाफ चुनाव लड़ी थी। इस चुनाव में सरिता 7 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हारी थी। अब चुनाव से पहले संजीव अपने पिता के साथ कांग्रेस में आ गए तो सरिता विरोध कर रही हैं। हालांकि सरिता आर्य महिलाओं के टिकट को लेकर भी पार्टी हाईकमान से अपनी मांग करने की बात कर रही हैं। उनका कहना है कि जो महिला कार्यकर्ता पार्टी के साथ सालों से जुड़ी हैं। उन्हें टिकट मिलना चाहिए। यूपी में 40 परसेंट महिलाओं के टिकट मिलने के बाद से उत्तराखंड में भी महिला प्रत्याशी अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटी हैं। लेकिन जब महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सरिता आर्य अपना ही टिकट नहीं बचा पाएंगी तो फिर महिला कार्यकर्ताओं को कैसे टिकट दिला पाएंगे। उनकी नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि वे खुद का टिकट भी पक्का नहीं करवा पा रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि वे टिकट न मिलने पर सभी महिला कार्यकर्ता स्वतंत्र हैं। कोई कहीं से भी चुनाव लड़ने में सक्षम हैं। ऐसे में कांग्रेस के अंदर टिकट बंटवारे से पहले ही बगावती तेवर कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत नहीं है।