क्या कुंभ मेले में दी गई कोरोना की फर्जी टेस्ट रिपोर्टस, अब जांच के लिए DM ने गठित की तीन सदस्यीय समिति
हरिद्वार, जून 13: कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की फर्जी कोरोना रिपोर्ट जारी करने की शिकायत मिली है। फर्जी टेस्ट रिपोर्ट जारी करने की शिकायत सामने आने के बाद उत्तराखंड सरकार ने इस पर जांच बैठा दी है। जिसके बाग हरिद्वार के जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो इस मामले की जांच करेगी। इतना ही नहीं, समिति 15 दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी।
दरअसल, उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देकते हुए 24 प्राइवेट लैब को रैंडम टेस्टिंग की बड़े स्तर पर जिम्मेदारी दी थी। इतना ही नहीं, 14 जिला प्रशासन और 10 कुंभ मेला प्रशासन की तरफ से रैंडम टेस्टिंग के लिए लगाई गई थीं। लेकिन श्रद्धालुओं की कोरोना जांच में धांधली की असलियत का पता लगाने के बाद जिलाधिकारी सी रविशंकर सभी प्राइवेट लैब के भुगतान पर फिलहाल रोक लगा दी है। इनके साथ ही छह सरकारी लैब को भी जांच के दायरे में लिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर फैसला किया जाएगा।
जानिए
कैसे
सामने
आया
फर्जीवाडा
फर्जी
टेस्टिंग
का
यह
मामला
तब
खुला
जब
पंजाब
के
रहने
वाले
एक
शख्स
ने
इंडियन
काउंसिल
ऑफ
मेडिकर
रिसर्च
को
ई-मेल
लिखकर
शिकायक
की।
शख्स
ने
बताया
कि
उसके
मोबाइल
फोन
पर
कोरोना
जांच
का
संदेश
आया
है,
जबकि
वो
कुंभ
के
दौरान
अपने
घर
में
रह
रहा
था।
वो
कुंभ
मेले
में
नहीं
गया,
इसके
बावजूद
उसके
पास
मैसेज
आया
कि
कोरोना
टेस्टिंग
के
लिए
उसका
सैंपल
लिया
गया
है।
शख्स
ने
आईसीएमआर
से
इस
मामले
की
शिकायक
की
और
कहा
कि
उसके
आधार
और
मोबाइल
नंबर
का
गलत
इस्तेमाल
हो
रहा
है।
प्राथमिक
जांच
में
सामने
आई
फर्जी
रिपोर्ट्स
की
बात
आईसीएमआर
ने
इस
मामले
का
संज्ञान
लेते
हुए
उत्तराखंड
सरकार
को
इसकी
जानकारी
दी।
जिसके
बाद
स्वास्थ्य
सचिव
अमित
नेगी
ने
मामले
की
प्रारंभिक
जांच
कराई।
कोविड-19
मामलों
के
चीफ
कंट्रोलिंग
आफिसर
डा.
अभिषेक
त्रिपाठी
के
स्तर
से
की
गई
इस
जांच
में
प्रथमदृष्टया
शिकायत
सही
पाई
गई।
यही
नहीं,
उन्होंने
एक
लाख
से
अधिक
कोरोना
जांच
में
गड़बड़ी
की
आशंका
जाहिर
की
है।
डा.
त्रिपाठी
ने
शासन
को
सौंपी
अपनी
रिपोर्ट
में
मामले
को
गंभीर
बताते
हुए
इसकी
विस्तृत
जांच
की
सिफारिश
की
थी।
इसके
मद्देनजर
स्वास्थ्य
सचिव
ने
हरिद्वार
के
जिलाधिकारी
को
कुंभ
मेला
अवधि,
इससे
पहले
और
इसके
बाद
हुई
कोरोना
जांच
की
विस्तृत
छानबीन
के
निर्देश
दिए
थे।
डीएम
ने
रोका
प्राइवेट
लैब
का
भुगतान
जिलाधिकारी
सी
रविशंकर
का
कहना
है
कि
मामला
बेहद
गंभीर
है।
विस्तृत
जांच
के
लिए
सीडीओ
की
अध्यक्षता
में
तीन
सदस्यीय
समिति
का
गठन
कर
दिया
गया
है।
जांच
रिपोर्ट
के
आधार
पर
संबंधितों
के
खिलाफ
कार्रवाई
की
जाएगी।
यह
भी
पता
लगाया
जा
रहा
है
कि
गड़बड़ी
जानबूझ
कर
की
गई
या
फिर
किसी
तकनीकी
व
मानवीय
भूल
का
परिणाम
तो
नहीं
है।
डीएम
ने
बताया
कि
अब
तक
किसी
लैब
को
भुगतान
नहीं
हुआ
है,
जांच
होने
तक
भुगतान
नहीं
करने
के
निर्देश
दिए
हैं।