महिला को प्रसव पीड़ा होने पर पालकी में लादकर 4 किलोमीटर ले गए पैदल, 70 साल से इस परेशानी से जूझ रहे लोग
जोशीमठ (चमोली)। उत्तराखंड में चमोली जिले के जोशीमठ विकास खंड के उर्गम घाटी के ग्रामीण को आजादी के 70 सालों बाद भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है। मंगलवार को बदहाल सड़क व्यवस्था के चलते ग्रामीणों को गर्भवती महिला को पालकी बनाकर चार किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क मार्ग तक लाया गया जहां से महिला को वाहन से जोशीमठ सीएचसी में लाया गया। हालांकि चिकित्सालय पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने प्रसूता की स्थिति में सुधार बताया है।
देवग्राम निवासी प्रदीप सिंह की पत्नी कोमल (जो तीन माह की प्रसूता है) की अचानक तबीयत खराब हो गई। लेकिन, पीएमजीएसवाई की ओर से ल्यारी से देवग्राम के मध्य बनाई कई सड़क इन दिनों डामरीकरण न होने से दलदल में तब्दील हैं। ऐसे में यहां वाहनों का संचालन नहीं हो पा रहा है। जिसके देखते हुए ग्रामीण युवाओं ने पालकी बनाकर प्रसूता को चार किमी तक कंधों में ढोकर ल्यारी पहुंचाया गया। जहां से वाहन के जरिये कोमल को सीएचसी जोशीमठ में भर्ती कराया गया। उपचार के बाद चिकित्सकों ने कोमल की स्थिति में सुधार बताया है।
स्थानीय निवासी अनूप नेगी, रघुवरी नेगी और तारेंद्र का कहना है कि सड़क के नाम पर पीएमजीएवाई की ओर से ल्यारी गांव से देवग्राम तक हिल कटिंग कर छोड़ दिया गया है। लेनिक डामरीकरण न होने से सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल है। ऐसे में बीमारों को चिकित्सालय पहुंचाना भी ग्रामीणों के लिये संकट बना हुआ है। ग्रामीणों ने मामले में जिलाधिकारी से संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग उठाई है।