उत्तराखंड: पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष किशोर उपाध्याय पार्टी से निष्कासित, आखिर क्यों हुआ ऐसा? जानिए
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। उपाध्याय पहले कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से हटाए गए, उसके बाद उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इस बारे में बताते हुए पार्टी की आलकमान ने कहा कि, किशोर "पार्टी विरोधी गतिविधियों" में लिप्त थे। इसलिए उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। जिसके तहत उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।

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उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने किशोर उपाध्याय के निष्कासन के बारे में कहा कि, यहां के लोग बदलाव के लिए तरस रहे हैं और बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकने का इंतजार कर रहे हैं। मगर..हमारी ही पार्टी में कुछ लोग पार्टी विरोधी गतिविधियों" में लिप्त थे, जो हमें नुकसान पहुंचाने के लिए विरोधियों का साथ दे रहे थे। एक किशोर उपाध्याय हैं जो हमारे पक्ष को कमजोर करने और लोगों के हितों से खेलने के लिए बीजेपी जैसे राजनीतिक दलों से मिलनसार हैं। इसलिए इन्हें साथ रखने का कोई मतलब नहीं है। इन्हें निष्कासित कर दिया गया है।'
कांग्रेस पार्टी के निष्कासन में कहा गया कि, उत्तराखंड राज्य में व्याप्त कुशासन और बाजेपी नेतृत्व से लोगों में व्यापक गुस्सा है। देवभूमि उत्तराखंड में चुनौती का सामना करना और यहां के लोगों की सेवा करना हम में से प्रत्येक का कर्तव्य है, और इसलिए हम अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
आज थाम सकते हैं BJP का दामन
माना जा रहा है कि, किशोर अब भाजपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं। एक न्यूज चैनल ने बताया कि, उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। इसी तरह हाल ही में बीजेपी ने हरक सिंह रावत को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था, जिसके बाद 21 जनवरी को हरक सिंह रावत और उनकी बहू कांग्रेस में शामिल हुए थे। कांग्रेस ने हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुसाईं रावत को लैंसडाउन से टिकट दिया है।