आज भी सड़क की मांग के लिए जूझ रहा है जोशीमठ का डुमक गांव, लोनिवि और PMGSY के बीच फंसा मामला
जोशीमठ/चमोली। चमोली जिले के विकास खंड जोशीमठ का सबसे दुर्गम क्षेत्र डुमक गांव आज भी सड़क की मांग के लिए जूझ रहा है। गांव तक जाने के लिए आज भी ग्रामीण 25 किमी पैदल दूरी तय कर गांव तक पहुंचते हैं। सड़क के अभाव में इस गांव के मतदान केंद्र को सबसे दूरस्थ मतदान केंद्र में रखा गया है, जहां के लिए एक दिन पूर्व मतदान कर्मियों को मतदान करवाने के लिए रवाना करना पड़ता है। इस गांव के लिए 2009 में सड़क मार्ग स्वीकृत हुआ है, लेकिन आज तक छह सात किमी सड़क ही बन पायी है। इस सड़क का निर्माण लोनिवि और पीएमजीएसवाई को सौंपा गया है, लेकिन अभी लोनिवि ने अपना काम पूरा नहीं किया तो पीएमजीएसवाई आगे काम करने के लिए पल्ला झाड़ रही है जिसका खामियाजा यहां के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। पिछले दिनों सड़क के अभाव में चट्टान से गिरकर घायल हुई महिला को गांव के युवक कंधे पर लाद कर सड़क तक लाये थे।
क्या कहते हैं सामाजिक कार्यकर्ता
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भंडारी का कहना है कि 2009 में स्वीकृत इस सड़का का निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है। ग्रामीण कई बार इस सड़क के निर्माण के लिए आंदोलन कर चुके है, लेकिन अभी तक सड़क नहीं बन पायी है। बताया कि जहां तक लोनिवि को सडक निर्माण का कार्य दिया गया है उसके बीच में सात सौ मीटर चट्टानी भाग आने के कारण आगे का निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है। इस भाग को काटने के लिए विभाग ने निविदा भी आमंत्रित की थी लेकिन ठेकेदार आधा अधूरा काम छोड़कर चला गया। अब विभाग फिर से निविदा आमंत्रित करने की बात कर रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
ऐसे में सड़क का काम अधर में लटका पड़ा है। पीएमजीएसवाई का कहना है जब लोनिवि नियम स्थान तक सड़क का काम पूरा करेंगी उसके आगे का काम तभी शुरू किया जा सकता है। लेकिन जब अभी पहले का काम भी पूरा नहीं हुआ तो आगे का काम कैसे पूरा होगा और कब गांव तक सड़क पहुंचेगी और कब ग्रामीणों को राहत मिलेगी। लोनिवि गोपेश्वर चमोली के अधिशासी अभियंता धन सिंह रावत का कहना है कि मोटर मार्ग के निर्माण में आ रहे चट्टानी भाग को काटने के लिए उत्तराखंड के सीएम ने भी घोषणा की थी। जिस पर आंगणन तैयार कर शासन को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।