ITBP जवानों ने फिर पेश की मिसाल, 8 घंटे लगातार पैदल चलकर परिजनों तक पहुंचाया युवक का शव
नई दिल्ली: वैसे तो चीन सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी ITBP के जिम्मे है, लेकिन हर बार जरूरत पड़ने पर ये फोर्स आम नागरिकों की मदद के लिए पहुंच जाती है। अब आईटीबीपी के जवानों ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में फिर से मानवता की मिसाल पेश की है, जहां 'हिमवीर' एक स्थानीय निवासी का शव कंधे पर रखकर लगातार आठ घंटे तक चले और उसे मुख्य मार्ग तक पहुंचाया।
पत्थरों की चपेट में आने से मौत
जानकारी के मुताबिक पिथौरागढ़ के सीमांत गांव स्युनी में एक युवक पोर्टर का काम करता था। इस दौरान पत्थरों की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई। उसके शव को वहां से मुनस्यरी तक लाना था, लेकिन बारिश और भूस्खलन की वजह से रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। जिससे कोई भी वाहन वहां नहीं पहुंच सकता था। ऐसे में काफी देर तक शव वहीं पर पड़ा रहा। चाह कर भी वहां पर मौजूद लोग मदद नहीं कर पा रहे थे क्योंकि मुख्य मार्ग की दूरी गांव से करीब 25 किलोमीटर थी।
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8 जवानों ने बारी-बारी दिया कंधा
इस बीच घटना की जानकारी आईटीबीपी को मिली। आईटीबीपी के अधिकारियों ने बिना देरी के 14वीं वाहिनी के 8 जवानों को मौके पर भेज दिया। इसके बाद जवानों ने युवक का शव स्ट्रेचर पर रखा और पैदल ही निकल पड़े। करीब 8 घंटे में 25 किलोमीटर की दूरी तय करके वो मुनस्यारी पहुंचे। मृतक युवक के परिवार में तीन बच्चे और पत्नी हैं। उन्होंने ही सबसे पहले आईटीबीपी से मदद मांगी थी। इस दौरान आईटीबीपी जवानों का एक वीडियो भी सामने आया है। वहीं सोशल मीडिया पर लोग आईटीबीपी के जवानों की जमकर सराहना कर रहे हैं।
हाल ही में एक और वीडियो हुआ था वायरल
दरअसल 20 अगस्त को पहाड़ी से गिरने से मुनस्यारी कस्बे के नजदीक लाप्सा गांव में एक महिला का पैर टूट गया था। दो दिन तक मौसम खराब होने की वजह से हेलीकॉप्टर भी वहां नहीं पहुंच पाया। इस बीच महिला की हालत लगातार खराब होती जा रही थी। जिस पर आईटीबीपी की 14वीं बटालियन के जवानों ने फिर से मोर्चा संभाला। इसके बाद 22 अगस्त को 15 घंटे चलने के बाद महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। उस दौरान जवानों ने कई उबड़-खाबड़ रास्तों को पार किया था। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ।