उत्तराखंड में भाजपा का 'मिशन 11' और दिवंगत जनरल बिपिन रावत के भाई को लेकर दो सीटों पर चल रहा मंथन
देहरादून, 22 जनवरी। उत्तराखंड में भाजपा ने 59 सीटों पर प्रत्याशियों का चयन तो कर लिया लेकिन बची 11 सीटों पर भाजपा के लिए प्रत्याशियों के नाम फाइनल करने में मुश्किलें खड़ी हो रही है। 11 में से डोईवाला, कोटद्वार, केदारनाथ और टिहरी सीट सबसे ज्यादा हॉट सीट बनी हुई है। इधर पार्टी सूत्रों का दावा है कि दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई रिटायर कर्नल विजय रावत को डोईवाला या कोटद्वार सीट से उतार सकती है। विजय रावत को भाजपा बड़े सैनिक चेहरे के रुप में चुनाव में इस्तेमाल करने जा रही है।

कर्नल विजय रावत ने बताया भाजपा ज्वाइन करने का कारण
शनिवार को देहरादून पहुंचे विजय रावत ने मीडिया से बातचीत में भाजपा ज्वाइन करने का कारण बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप और भाजपा की राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित होकर वह पार्टी में आए हैं | उन्होने बताया कि वह लंबे समय से स्वास्थ्य कारणों से समाज में कार्य करने में अक्षम रहे लेकिन अब राजनीति के माध्यम से प्रदेशवासियों और देश की सेवा के लिए वह तत्पर हैं। ऐसे में उनके चुनाव लड़ने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। कर्नल रावत ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने भारतीय सेना के सम्मान के लिए उल्लेखनीय कार्य किए है। चाहे दशकों से लंबित वन रैंक वन पेशंन का लाभ पूर्व सैनिकों को दिलाने की बात हो, चाहे भारतीय सेना के आधुनिकीकरण के लिए नए-नए साजो सामान मुहैया कराने की बात हो जिसमें आधुनिक तकनीक के साथ-साथ राफेल जैसे अत्याधुनिक विमान सेना को सुर्पुद कराया। उन्होंने आगे कहा कि मोदी ने देश की सीमाओं पर तैनात जवानो की जरूरत को समझा और उन्हे आधुनिकतम साझो-सामान से लैस किया। उन्होने कहा कि एक समय ऐसा था, सेना के अधिकारियों को सीमा पर तत्काल दुश्मन का जबाब देने के लिए भी दिल्ली की और देखना पड़ता था, लेकिन अब उन्हे मुंह तोड़ जबाब देने का पूरा अधिकार मिला हुआ है। मोदी जी ने सेना में महिलाओं को बराबरी का अधिकार देते हुए स्थायी कमीशन के साथ महिलाओ की भर्ती बढाई गई। उन्होने कहा कि हमारा प्रदेश दो-दो सीमावर्ती देशो से लगा हुआ है | ऐसे में अपनी सीमाओं की मजबूती के लिए भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत सड़कों का जाल विछाया जा रहा है। देश में शहीदों को सही सम्मान देने का काम भी कारगिल युद्ध के समय से ही अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने शुरू किया।
11 में से 5 सीट पर भाजपा का कब्जा
भाजपा जिन 11 विधानसभा सीटों पर अब भी प्रत्याशियों को लेकर मंथन कर रही है, उनमें 5 सीटों पर वर्तमान में भाजपा ही कब्जा है। डोईवाला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के चुनाव न लड़ने के ऐलान के बाद कर्नल विजय सिंह रावत के नाम की भी चर्चा है। इनके अलावा दूसरे युवा चेहरे भी शामिल हैं। कोटद्वार सीट पर हरक सिंह रावत को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस सीट पर सैनिक वोटर अधिक होने से भी विजय रावत को कोटद्वार से चुनाव लड़ाने की कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं। झबरेड़ा सीट पर विधायक देशराज कर्णवाल अपनी पत्नी वैजयंती माला को टिकट देने की हाईकमान से मांग कर रहे हैं। रुद्रपुर सीट पर 2 बार के और सिटिंग विधायक राजकुमार ठुकराल के टिकट कटने और नए चेहरे को लेकर चर्चा तेज है। लालकुआं सीट पर विधायक नवीन चंद दुम्का बुजुर्ग होने के चलते दूसरे प्रत्याशी की तलाश हो रही है। टिहरी सीट पर विधायक धन सिंह नेगी के टिकट कटने और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के निर्णय का इंतजार किया जा रहा है। पिरान कलियर पर कांग्रेस के फुरकान अहमद, हल्द्वानी सीट पर कांग्रेस की स्व. इंदिरा हृदयेश की जगह नया चेहरा, रानीखेत पर कांग्रेस के करन माहरा, जागेश्वर सीट पर कांग्रेस के गोविंद सिंह कुंजवाल के सामने भाजपा विकल्प तलाश रही है।