उत्तराखंड में भाजपा, कांग्रेस के लिए बगावत न बन जाए टेंशन, सत्ता से दूर करने में निभा सकते हैं बड़ी भूमिका
देहरादून, 26 जनवरी।उत्तराखंड में भाजपा ने 59 और कांग्रेस ने 64 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। हालांकि अब भाजपा को 11 और कांग्रेस को 6 सीटों पर ही प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगानी है। लेकिन इससे पहले ही दोनों दलों में बगावत हो चुकी है। भाजपा, कांग्रेस को 25 से ज्यादा सीटों पर बगावत को संभालना मुश्किल हो सकता है। जिसके लिए दोनों दलों को नए सिरे से रणनीति पर फोकस करना होगा। जिसको लेकर अभी कोई सियासी दल गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो इसका असर चुनाव परिणाम पर भी देखने को मिल सकता है।

डिप्टी स्पीकर समेत 4 सिटिंग विधायक हुए बागी
भाजपा ने सबसे पहले 59 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया। लेकिन शुरूआत में ही भाजपा के अंदर बगावत देखने को मिल रही है। विधानसभा के उपाध्यक्ष और अल्मोड़ा विधायक रघुनाथ सिंह चौहान अल्मोड़ा सीट से टिकट काटे जाने के बाद पार्टी के खिलाफ बागी हो गए हैं। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने के भी संकेत दिए हैं। इसके अलावा भाजपा में कर्णप्रयाग, द्वाराहाट व थराली के विधायकों भी पहले ही बागी हो चुके हैं। थराली विधायक मुन्नी देवी और कर्णप्रयाग के विधायक सुरेंद्र सिंह नेगी, द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी टिकट काटे जाने को लेकर पहले ही नाराज हैं। कैंट विधानसभा में दिवंगत विधायक हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर को टिकट देने से नाराज दूसरे दावेदारों ने पार्टी हाईकमान को परिवारवाद को लेकर शिकायत दर्ज कराई है।
कांग्रेस में बढ़ते जा रहे बागी
कांग्रेस में पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता हरिश्चंद्र दुर्गापाल भी टिकट काटे जाने से नाराज हैं। दुर्गापाल ने पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। रामनगर सीट से रणजीत रावत भी टिकट काटे जाने से नाराज होकर अपने समर्थकों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर रणनीति तैयार करने की बात कर रहे हैं। ऋषिकेश में जयेंद्र रमोला को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध कर रहे पूर्व प्रत्याशी राजपाल खरोला और पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिलकर विरोध दर्ज कराया है। लैंसडाउन सीट पर अचानक हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति गुंसाई को लाकर टिकट देने से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस भवन में जमकर बवाल काटा। कार्यकर्ताओं ने पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। बगावत के सुर उठने के बाद भाजपा, कांग्रेस में बागियों को मनाने को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। हालांकि अभी तक भाजपा, कांग्रेस की ओर से बागियों को मनाने के लिए कुछ खास तैयारी नजर नहीं आ रही है। अभी सभी पार्टी के सीनियर नेता नामांकन प्रक्रिया को लेकर व्यस्त नजर आ रहे हैं। ऐसे में अभी बागियों को मनाने पर कम ही फोकस किया जा रहा है। ऐसे में बागी आने वाले दिनों में भाजपा, कांग्रेस के लिए टेंशन भी हो सकती हैं।
इन सीटों पर बगावत
कांग्रेस-
यमुनोत्री, रुद्रप्रयाग, घनसाली, सहसपुर, रायपुर, बीएचईएल रानीपुर, यमकेश्वर, गंगोलीहाट, बागेश्वर, नैनीताल, हल्द्वानी, काशीपुर, बाजपुर, सितारगंज, नानकमत्ता, देहरादून कैंट, ऋषिकेश, ज्वालापुर, झबरेड़ा, खानपुर, लैंसडौन, लालकुआं, रामनगर, कालाढुंगी।
भाजपा-
यमुनोत्री, गंगोत्री, थराली, कर्णप्रयाग, घनसाली, नरेंद्रनगर, प्रतापनगर, धनोल्टी, पौड़ी, धारचूला, कपकोट, द्वाराहाट, अल्मोड़ा, भीमताल, नैनीताल, धर्मपुर, रायपुर, राजपुर रोड, देहरादून कैंट, ज्वालापुर, रुड़की, मंगलौर, लक्सर, यमकेश्वर, काशीपुर।
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