उत्तराखंड में मदरसों ने शिक्षा विभाग से मान्यता नहीं ली तो होगा कड़ा एक्शन, मंत्री चंदन राम ने कही बड़ी बात
देहरादून,24 मई। प्रदेश में बिना मान्यता के चल रहे मदरसों पर तलवार लटकनी शुरू हो गई है। समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास ने कहा है कि प्रदेश में बिना मान्यता के चल रहे मदरसों ने यदि जल्द मान्यता नहीं ली तो इन्हें बंद कर दिया जाएगा। राज्य में 425 मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं, इनमें से 192 को केन्द्र और राज्य सरकार आर्थिक सहायता दे रही है। जो मदरसे मदद ले रहें हैं उन्हें मान्यता न लेने पर बंद कर दिया जाएगा।सरकार मदरसों को एडवांस बनाने की तैयारी में है। मदरसों के मान्यता न होने से यहां पढ़ने वाले बच्चों को आगे की कक्षाओं में एडमिशन नहीं मिलता है।जिससे बच्चों के भविष्य पर भी सवाल उठता है।

मदरसों के पास कक्षा 5 तक की शिक्षा विभाग से मान्यता ही नहीं
उत्तराखंड में सरकार मदरसों पर शिकंजा कसने जा रही है। समाज कल्याण मंत्री का कहना है कि मदरसों के पास कक्षा 5 तक की शिक्षा विभाग से मान्यता ही नहीं है। 192 ऐसे मदरसें हैं जो कि केन्द्र और राज्य से आर्थिक मदद लेते हैं। बिना मान्यता के चल रहे मदरसों के बच्चों को आगे कक्षा में एडमिशन नहीं मिलता है। जिससे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। विभागीय मंत्री का कहना है कि सरकार चाहती है कि इन बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले। इसके लिए मदरसों को मान्यता लेनी ही होगी। सरकार इस समय ऐसे मदरसों पर सख्त एक्शन लेने के मूड में है। पहले ऐसे मदरसों का बजट रोका जाएगा फिर इन पर कार्रवाई भी की जाएगी। राज्य सरकार की ऐसे मदरसों पर लंबे समय से नजर है जो कि बिना मान्यता के चल रहे हैं। समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास ने राज्य के सभी मदरसों की लिस्ट तलब की थी। मंत्री का कहना था कि पिछले काफी समय से उनके पास इस तरह की शिकायतें आ रही थी कि राज्य में बिना मान्यता प्राप्त मदरसे चल रहे हैं जिसकी वजह से यहां पढ़ने वालों छाओं को आगे एडमिशन मिलने में दिक्कत होती है। 425 मदरसे जिनमें से 192 मदरसों को सरकार ग्रांट देती है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से मदरसों को बजट दिया जाता है जो मदरसे बिना मान्यता के चल रहे हैं उन मदरसों का बजट रोका जाएगा।
मदरसों को एडवांस बनाने की तैयारी
सरकार पहले मदरसों को शिक्षा विभाग की मान्यता दिलाएगी सके बाद विभाग के सभी नियम मदरसों पर लागू कराए जाएंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही संकेत दिए है। सरकार मदरसों को एडवांस बनाने की तैयारी में है। सीएम ने पहले ही इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मदरसों में पारंपरिक शिक्षा के साथ अब दूसरे सब्जेक्ट भी पढ़ाए जाएंगे। यहां पर मुस्लिम बच्चों को अरबी और फारसी में पारंपरिक स्कूली शिक्षा दी जाती है। उत्तराखंड में करीब 14 परसेंट मुस्लिम आबादी है। मुख्यमंत्री का कहना है कि उत्तराखंड की संस्कृति और उसकी आध्यात्मिकता को बढ़ावा दिया जाएगा। हर जगह बच्चों को पारंपरिक स्कूली शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने अपने उत्तराखंड के मदरसों पर फोकस कर उनको एडवांस बनाने का निर्णय लिया है।