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कुंभ मेला 2021: कुंभ मेले में इसके बिना नहीं मिलेगी एंट्री, उत्तराखंड सरकार ने जारी की एसओपी

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हरिद्वार: कुंभ महापर्व के लिए देवों की भूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में आस्‍था का सैलाब 14 जनवरी के बाद से ही उमड़ने लगा है। मकर संक्रांति से ही भक्‍त गंगा तट पर जुटने शुरू चुके हैं । हिंदुओं के सबसे शुभ और सबसे बड़े अनुष्ठानों में से एक है कुंभ मेले के दौरान गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। इसलिए "आस्था" और धार्मिक विश्वास के इस पर्व पर और कोविड -19 प्रोटोकॉल के बीच एक संतुलन बनाना शासन प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस महकमें के लिए कुंभ मेला एक अभूतपूर्व चुनौती है। यही कारण है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के (एसओपी) के आधार पर, उत्‍तराखंड राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों, छात्रावासों, रेस्तरां, आश्रमों, घाटों, पार्किंग क्षेत्रों, रेलवे और बस स्टेशनों के लिए अलग-अलग एसओपी जारी की है। इसके अनुसार कुंभ मेले में प्रवेश के लिए www.haridwarkumbhmela2021.com पर रजिस्‍ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। यात्रियों को रजिस्‍ट्रेशन के बिना एंट्री नहीं दी जाएगी।

हरिद्वार में कुंभ मेला 2021 कैसे और क्यों अलग होगा?

हरिद्वार में कुंभ मेला 2021 कैसे और क्यों अलग होगा?

एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ये दिशानिर्देश इस साल के कुंभ मेले में जाने से लोगों को निराश करेंगे। हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी गढ़वाल के तीन जिलों में 156-वर्ग किमी में फैले घाटों पर और मेला क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हॉल्टिंग पॉइंट बनाए जाएंगे। शाही स्नान की जो तिथियां हैं, उन पर हरिद्वार में बाजार बंद रहेंगे। केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें जैसे- डेयरी, भोजन, दवा, पूजन सामग्री व कंबल की दुकानें ही खुलेंगी।

यात्रा करने से पहले जान लें ये अनिवार्य शर्तें

यात्रा करने से पहले जान लें ये अनिवार्य शर्तें

एसओपी के अनुसार, केवल उन भक्तों को, जिनके पास यात्रा की तारीख से 72 घंटे पहले की गई आरटी-पीसीआर निगेटिव टेस्‍ट रिपोर्ट होगी उन्‍हें ही कुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति होगी। उन्हें जिला सीमा पर एंट्री प्‍वाइंट और चौकियों पर आरटी-पीसीआर टेस्‍ट की निगेटिव रिपोर्ट पहले बनवानी होगी। अपनी यात्रा से पहले, सभी भक्तों को कुंभ मेला वेब पोर्टल पर अनिवार्य रूप से रजिस्‍ट्रेशन करवाना होगा। अपलोड किए गए दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही उन्हें मेला क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए ई-पास जारी किया जाएगा। ई-पास और आरटी-पीसीआर निगेटिव टेस्‍ट रिपोर्ट को होटल / धर्मशाला में या रेलगाड़ियों, बसों और कामर्शियल वाहनों में सवार होने के दौरान सीमा चेकपोस्ट / रेलवे स्टेशन / हवाई अड्डे पर सत्यापित किया जा सकता है।

भक्‍तों को लाना होगा मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट

भक्‍तों को लाना होगा मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट

अन्य राज्यों से आने वाले भक्तों को मूल राज्य में अपने घर के नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र / जिला अस्पताल / मेडिकल कॉलेज से एक अनिवार्य मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा, जिसे रजिस्‍टर्ड पोर्टल में अपलोड किया जाएगा और सीमा चेक पोस्ट / रेलवे स्टेशन / हवाई अड्डे पर जांच की जाएगी। / होटल / धर्मशाला और ट्रेन और बस में चढ़ते समय। इसके अलावा मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम या धर्मशाला में केवल एंट्री दी जाएगी, जबकि उनके पास एंट्री पास और हथेली के ऊपरी हिस्‍से पर नहीं मिटने वाली स्याही से निशान लगा होगा। मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं के बीच सोशल डिस्‍टेसिंग बनाए रखने के लिए दो गज की दूरी आवश्यक होगी।

आरोग्य सेतु एप को अनिवार्य किया गया है

आरोग्य सेतु एप को अनिवार्य किया गया है

एसओपी के अनुसार ई-पास और मेडिकल सर्टिफिकेट के बिना श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में प्रवेश से वंचित कर दिया जाएगा। RTPCR निगेटिव रिपोर्ट और रजिस्‍ट्रेशन के बाद ही भक्तों को रेलवे स्टेशनों से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी। सभी यात्रियों के लिए मोबाइल में आरोग्य सेतु एप को अनिवार्य किया गया है। अगर किसी भी श्रद्धालु में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो बस के ड्राईवर की यह जिम्मेदारी होगी कि वह इसकी सूचना पुलिस या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को दे। कुंभ में अगर कोई वाहन या तीर्थयात्री बिना रजिस्‍ट्रेशन के लिए आएगा तो उसे किसी भी हालत में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

समूह भजन, पाठ और भंडारे पर लगाया है प्रतिबंध
इसके अलावा, कोविद संक्रमण से सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता के लिए कोरोना से बचाव संबंधी प्रचार सामग्री और दिशानिर्देश हर कमरे में लगाए जाएंगे। हरिद्वार में 800 से अधिक होटल और 350 आश्रम हैं। पूरे मेला क्षेत्र में समूह भजन, पाठ और भंडारे (सामुदायिक रसोई) का आयोजन निषिद्ध रहेगा।

20 मिनट के लिए ही स्नान करने की अनुमति होगी

घाटों पर, भक्तों को अधिकतम 20 मिनट के लिए स्नान करने की अनुमति होगी। सभी सुरक्षाकर्मी पीपीटी किट में नजर आएंगे जो 20 मिनट तक घाट में स्‍नान करने के बाद बाहर करवाएंगे। कमजोर आयु समूहों और गर्भवती महिलाओं को घाट में प्रवेश करने और डुबकी लगाने से अनुमति नहीं दी गई है।

हाई रिस्‍क ग्रुप के लिए जारी किए गए दिशानिर्देश

हाई रिस्‍क ग्रुप के लिए जारी किए गए दिशानिर्देश

कोरोना के लिए हाईरिस्‍क में आने वाले लोगों के लिए दिशानिर्देश है कि - 65 वर्ष से अधिक की आयु के लोग, गर्भवती महिलाएं, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कुंभ मेले में जाने की परमीशन नहीं दी गई है।

नियम का पालन न करने वालों के खिलाफ होगी सख्‍त कार्रवाई

कुंभ मेले में फेस कवर / मास्क का उपयोग अनिवार्य होगा। एंट्री प्वाइंट्स पर मास्क डिस्पेंसिंग कियोस्क की व्यवस्था होगी और पार्किंग स्थल और मास्क भी निशुल्क वितरित किए जाएंगे। बिना मास्‍क के, सोशल डिस्‍टेसिंग का पालन न करते पाए जाने पर उनसे भारी जुर्माना वसूला जाएगा। सरकार ने स्‍पष्‍ठ किया है कि नियमों का पालन नहीं होगा तो सीधे तौर पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, महामारी रोग अधिनियम 1897 और आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवााई की जाएगी।

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English summary
haridwar kumbh mela 2021: Uttarakhand government has issued SOP, registration and covid negative report mandatory, Government Guideline on Kumbh Mela, Kumbh Mela Haridwar
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