सेना भर्ती के लिए यूपी से आए थे चार फर्जी युवक, सख्ती से पूछा तो खुल गई सभी की पोल
कोटद्वार/गढ़वाल। यहां कौड़िया स्थित विक्टोरिया क्रॉस गब्बर सिंह कैंप में आयोजित सेना भर्ती रैली के आठवें दिन सैन्य अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश से भर्त्ती होने पहुंचे चार युवाओं को फर्जी दस्तावेजों के साथ सेना ने धर दबोचा। जिससे उच्चाधिकारियां में हड़कंप मच गया। जांच में उनके आधार कार्ड और मूल निवास तक फर्जी पाए गए जोकि पौड़ी जनपद के कोटद्वार तहसील के नाम से बनाए गए थे। जांच में यह बात भी सामने आई कि सभी युवक दलाल के माध्यम से भर्ती होने के लिए कोटद्वार पहुंचे थे। फिलहाल सेना की खुफिया विभाग पकड़े गए युवकों से पूछताछ में जुटी हुई है।
आजकल यहां कौड़िया के गब्बर सिंह कैंप में लैंसडौन भर्त्ती कार्यालय की ओर से जीडीए टेक्निकलए नर्सिग सहायक क्लर्क और ट्रेडमैन की भर्त्ती प्रक्रिया चल रही है। सोमवार को भर्ती में उत्तर प्रदेश के चार युवक फर्जी दस्तावेजों के साथ पहुंच गए। सुबह करीब चार बजे गब्बर सिंह कैंप कौड़िया में दौड़ से पहले खुफिया विभाग को एक युवा पर लैंसडौन और कोटद्वार तहसील के आवभाव न मिलने के कारण शक हुआ। खुफिया विभाग व सेना के अधिकारियों ने जब युवा से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सब कुछ बता दिया। युवक ने खुफिया विभाग को बताया कि वह अपने तीन साथियों के साथ भर्ती में शामिल होने आया था। युवक की पहचान पर खुफिया विभाग ने अन्य तीनों युवाओं को भी पकड़ लिया। पूछताछ में युवकों ने बताया कि एक व्यक्ति से पहले मथुरा में मुलाकात हुई थी। लेकिन वर्तमान में वह अलीगढ़ में रहता है। उत्तराखंड के कोटद्वार में सेना भर्ती की जानकारी मिली थी जिस कारण हमने कोटद्वार तहसील के फर्जी दस्तावेज बनाकर कोटद्वार पहुंच गए।
भर्ती निदेशक कर्नल विनीत वाजपेयी ने बताया कि सभी युवाओं ने मूल निवास प्रमाण पत्र आधार कार्ड और जाति-प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज पौड़ी जिले की कोटद्वार तहसील के नाम से बनाए गए हैं। सख्ती से पूछताछ करने पर युवाओं ने बताया कि वे सभी उत्तर प्रदेश के बागपत और मथुरा जिले के रहने वाले हैं और एक दलाल ने उन्हें सेना में भर्ती कराने का लालच दिया और भर्ती होने के बाद पैसे देने की बात भी दलाल से तय हुई थी। पूछताछ के दौरान चारों युवकों ने खुफिया विभाग को बताया कि अलीगढ़ के एक व्यक्ति से पांच-पांच हजार रुपये में भर्ती के लिए कोटद्वार तहसील के नाम पर आधार कार्ड मूल निवास और एडमिट कार्ड बनाया।