नए जिले की मांग कर रहे आंदोलनकारियों को समर्थन देकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने गमाई सियासत, जानिए पूरा मामला
देहरादून, 25 नवंबर। चुनाव से पहले उत्तराखंड में एक बार फिर जिला बनाने को लेकर सियासत गर्मा गई है। डीडीहाट में जिला बनाओ संघर्ष समिति के आंदोलनकारियों के धरना स्थल पर पहुंचकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने राजनीति गर्मा दी है। हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार आते ही नए जिले बनाए जाएंगेा हरीश रावत के इस कदम से उत्तराखंड में एक बार फिर 4 नए जिलों की मांग पर भी राजनीति तेज हो गई है। जिससे आने वाले दिनों में धामी सरकार की मुश्किलें बढ़ना तय है।

4 जिलों की मांग हो रही तेज
उत्तराखंड में 13 जिले हैं,लेकिन भौगोलिक परिस्थितियां और स्थानीय समस्याओं की वजह से 4 नए जिलों की लंबे समय से मांग उठ रही है। चुनाव के नजदीक आते ही सरकार पर जिलों के पुर्नगठन की मांग तेज हो गई है। डीडीहाट को पिथौरागढ़ से अलग ज़िला बनाने की मांग को लेकर 55 दिन तक आंदोलन चला। डीडीहाट ज़िला बनाने को लेकर चल रहा आंदोलन 55वें दिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की अपील पर खत्म हो गया, जिससे नए ज़िलों को लेकर रावत ने नया सियासी दांव चल दिया है। हरीश रावत ने कहा कि आंदोलन के बजाए आंदोलनकारी कांग्रेस की सरकार का इंतजार करें। रावत ने राज्य की भाजपा सरकार पर 5 साल का समय गंवा देने का आरोप लगाकर कह दिया कि आंदोलन की जगह कांग्रेस की सरकार बनाने का बीड़ा उठाना चाहिए।
55 दिन तक चला अनशन
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले डीडीहाट, कोटद्वार, रानीखेत और यमुनोत्री को अलग ज़िला बनाने को लेकर आंदोलन जोरों पर हैं। डीडीहाट में बारी-बारी से आंदोलनकारी 55 दिनों तक आमरण अनशन पर डटे रहे, लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत ने आंदोलनकारियों को समझाकर आंदोलन फिलहाल खत्म करा दिया। रावत का कहना है कि उनकी सरकार ने 11 नए ज़िले बनाने का प्लान तैयार कर बजट में 100 करोड़ की स्वीकृति भी दी थी, लेकिन बीजेपी सरकार ने बीते 5 साल में इस दिशा में कुछ नहीं किया। रावत ने कहा कि अब आंदोलनकारियों को आंदोलन के बजाए कांग्रेस की सरकार का इंतजार करना चाहिए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कह चुके हैं कि ज़िला पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद नए जिलों को लेकर सरकार कुछ पहल कर सकती है। 2011 में बीजेपी सरकार में पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने डीडीहाट के साथ ही रानीखेत, यमुनोत्री और कोटद्वार को नए जिले बनाने का ऐलान किया था। उसके बाद निशंक सरकार ने एक आदेश भी जारी किया था, लेकिन फिर पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जिलों की जगह नए मंडल बनाने का दांव खेला, लेकिन उनको कुर्सी गंवानी पड़ी। अब हरीश रावत ने कांग्रेस की नई सरकार आने पर 9 नए जिलों का दांव खेला है।
2022 में सत्ता आते ही करेंगे मांग पूरी
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि डीडीहाट में जिला_बनाओ संघर्ष समिति के आंदोलनकारियों के धरना स्थल पहुंचकर उन्हें अपना समर्थन दिया और अपनी एकजुटता जाहिर की और डीडीहाट के लोगों व आंदोलनकारियों से से वादा किया कि 2022 में कांग्रेस के सत्ता में आते ही डीडीहाट जिला बनाये जाने की मांग को पूरा करेगी।
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