उत्तराखंड में दलबदल को हवा देने में जुटे पूर्व सीएम हरीश रावत, अब भाजपा में भगदड़ मचने के दिए संकेत
हरीश रावत ने भाजपा में भगदड़ मचने और कुछ विधायक व मंत्री के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों को दी हवा
देहरादून, 21 अक्टूबर। उत्तराखंड में राजनीतिक उठापटक को लेकर संभावनाएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान ने एक बार फिर दलबदल को लेकर सियासी पारा चढ़ा दिया है। हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए एक बार फिर भाजपा में भगदड़ मचने और कुछ विधायक व मंत्री के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों को हवा दे दी। इतना ही नहीं हरीश रावत ने बागियों को लेकर एक बार फिर गंभीर आरोप लगाते हुए कांग्रेस में आने पर आपत्ति जताई है।
बागियों
को
लेकर
जारी
है
विवाद
लंबे
समय
से
कांग्रेस
में
बागियों
की
घर
वापसी
और
भाजपा
के
कुछ
नाराज
विधायकों
की
कांग्रेस
में
आने
की
अटकलें
लगाई
जा
रही
हैं।
हालांकि
यशपाल
आर्य
के
कांग्रेस
में
आने
के
बाद
से
कांग्रेस
में
किसी
तरह
ज्वाइनिंग
को
लेकर
चर्चा
नहीं
हो
रही
है।
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
आए
दिन
सोशल
मीडिया
के
जरिए
दलबदल
को
लेकर
सियासी
पारा
बढ़ाने
का
काम
कर
रहे
हैं।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि
कुछ विधायक व मंत्री, कांग्रेस में सम्मिलित होने के लिए बड़ी व्यग्रता व जोर-जोर से, हर संभव उपायों से दरवाजा खटखटा रहे हैं। हमारे दरवाजे बंद नहीं हैं, मगर कुछ लोग जिन्होंने भाजपा की कुगत की है उनको कांग्रेस में, लेने में हमें संकोच जरूर है। फिर जिन कार्यकर्ताओं ने 2017 की भीषणतम राजनैतिक आपदा से उबार कर कांग्रेस को इस लायक बनाया है कि कांग्रेस पार्टी में आने के लिये, भाजपा में भगदड़ मची हुई है तो आखिर उन कार्यकर्ताओं का हित भी तो देखना पड़ेगा। यहां हमारे पास चुनावी समर में विजय होने की संभावनाओं वाले लोग हैं, उन क्षेत्रों में हम उन कार्यकर्ताओं के हित को संरक्षित करेंगे। पार्टी को अपने निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर भरोसा है। हम भाजपा नहीं हैं जो पैसों से खरीदकर के भी दल-बदल करवाएं और अपने कार्यकर्ताओं का गला काटने में संकोच न करें। कांग्रेस पार्टी उन्हीं लोगों को पार्टी में शामिल कर रही है जिनका स्वागत करने के लिए कार्यकर्ताओं की बाहें भी आगे बढ़ी हुई हैं।
हरदा
कर
रहे
बागियों
को
टारगेट
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
का
यह
बयान
कांग्रेसी
प्रीतम
सिंह
के
भाजपा
के
हरक
सिंह
और
उमेश
शर्मा
से
मुलाकात
के
बाद
आया
है।
प्रीतम,
हरक
और
उमेश
शर्मा
की
मुलाकात
के
सियासी
मायने
निकाले
जा
रहे
हैं।
हालांकि
प्रीतम
और
हरक
इस
बात
को
सिरे
से
नकार
चुके
है।
कि
किसी
तरह
की
सियासी
खिचड़ी
पक
रही
है।
इस
पूरे
प्रकरण
के
बाद
से
हरीश
रावत
पूरी
तरह
से
अलर्ट
नजर
आ
रहे
हैं।
बार-बार
हरीश
रावत
बागियों
को
टारगेट
कर
कांग्रेस
में
आने
के
रास्ता
बंद
करने
की
बात
कर
रहे
हैं।
जिससे
बागियों
की
किसी
भी
तरह
से
कांग्रेस
में
एंट्री
न
हो
सके।
दरअसल
इसके
पीछे
की
वजह
बागियों
के
आने
से
प्रीतम
सिंह
का
गुट
मजबूत
होने
का
डर
बताया
जा
रहा
है।
हरीश
रावत
के
निशाने
पर
सबसे
ज्यादा
हरक
सिंह,
सतपाल
महाराज,
उमेश
शर्मा
और
2017
में
बगावत
करने
वाले
विधायक
हैं।
हालांकि
हरक
सिंह
रावत
हरीश
रावत
को
लगातार
चेलेंज
भी
कर
चुके
हैं।
जिसमें
हरक
ने
कांग्रेस
में
आने
के
लिए
हरीश
रावत
की
सहमति
न
होने
का
भी
दावा
कियाा
ऐसे
में
हरीश
और
बागियों
की
ये
लडाई
चुनाव
तक
जारी
रहेगीा
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