उत्तराखंड: पाक मूल की अमेरिकी नागरिक फरीदा मलिक फिर पुलिस हिरासत में, सीजेएम कोर्ट से पा चुकी है जेल की सजा
देहरादून। उत्तराखंड के काशीपुर में पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी नागरिक फरीदा मलिक को पुलिस ने हिरासत में लिया है। यह वही महिला है जिसको पिछले साल पुलिस ने भारत में घुसते समय सीमावर्ती बनबासा चेकपोस्ट पर पकड़ा था। चंपावत में सीजेएम कोर्ट ने इस महिला को देश में अवैध तरीके से नेपाल के रास्ते से घुसने का दोषी पाया था और इसी साल मार्च में चार साल कैद की सजा सुनाई थी। अल्मोड़ा जेल में सजा काट रही फरीदा मलिक ने जिला और सत्र न्यायालय में जमानत की अर्जी लगाई थी। अप्रैल में उसे जमानत मिल गई थी। अब एक बार फिर फरीदा मलिक काशीपुर में एक युवक के साथ विवाद करती पकड़ी गई हैं।
काशीपुर में युवक से कर रही थी विवाद
काशीपुर क्षेत्र में जसपुर बस अड्डे के पास एक महिला और युवक में विवाद हो रहा था जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। वहां से पुलिस दोनों को थाने लाकर पूछताछ करने लगी। महिला ने अपना नाम फरीदा बताया और कहा कि वह पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी नागरिक है तो पुलिस चौंक गई। रिकॉर्ड खंगालने पर पुलिस को पता चला कि यह वही महिला है जिसको बनबासा चेकपोस्ट पर पिछले साल पकड़ा गया था। उसे चंपावत की सीजेएम कोर्ट सजा सुना चुकी है। फरीदा मलिक से पूछताछ में पता चला है कि अल्मोड़ा जेल में उसकी जान-पहचान एक बदमाश से हुई थी, वह उसी से मिलने के लिए काशीपुर आई हुई थी। पुलिस महिला से आगे पूछताछ कर रही है।
कैलिफोर्निया निवासी है फरीदा मलिक
चंपावत पुलिस के मुताबिक, अमेरिका की कैलिफोर्निया निवासी 51 वर्षीय फरीदा मलिक का जन्म पाकिस्तान के कराची में 1968 में हुआ था। उसका परिवार 1984 में अमेरिका में बस गया और फिर 1992 में उनको वहां की नागरिकता मिल गई थी। फरीदा जुलाई 2019 में नेपाल के काठमांडू से नई दिल्ली जाने के लिए बस से निकली। 12 जुलाई 2019 को बनबासा चेकपोस्ट पर फरीदा ने अधिकारियों से कहा कि वह सिंगर है और उसका पासपोर्ट काठमांडू में छूट गया है। उसने फोन में पासपोर्ट दिखाया लेकिन अधिकारियों ने कहा कि सिस्टम में चेक करने पर पता चला है उसने भारतीय वीजा के लिए आवेदन नहीं किया है। फरीदा मलिक को वीजा नियमों के उल्लंघन के आरोप में जेल भेज दिया गया और चंपावत की सीजेएम कोर्ट में उस पर मुकदमा चला।
सीजेएम कोर्ट ने सुनाई थी फरीदा को सजा
जुलाई 2019 में पकड़ी गई फरीदा मलिक के खिलाफ बनबासा थाने में मुकदमा दर्ज कर उसे अल्मोड़ा जेल भेजा गया था। जनवरी 2020 में उसको इस शर्त पर जमानत मिली थी कि वह तब तक देश छोड़कर नहीं जाएगी जब तक इस मुकदमे में फैसला नहीं आ जाता। इसके बाद फरीदा अल्मोड़ा में ठहरी। सीजेएम कोर्ट ने मार्च के पहले सप्ताह में फैसला सुनाते हुए उसे दोषी पाया और चार साल कैद व 30 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं देने पर एक महीने की सजा और काटने का फैसला कोर्ट ने दिया। फरीदा के वकील ने इस फैसले के खिलाफ जिला व सत्र न्यायालय में अपील करने की बात कही थी। सजा काटने के लिए फरीदा को अल्मोड़ा जेल भेजा गया। वहां से उसने वकील के जरिए जिला व सत्र न्यायालय में जमानत की अर्जी लगाई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अर्जी पर सुनवाई हुई और कोर्ट ने उसे अप्रैल में जमानत दे दी। काशीपुर में पकड़े जाने के बाद फरीदा एक बार फिर चर्चा में आ गई है।
UPSC Topper: उत्तराखंड के शुभम बंसल की 43वीं रैंक आई, बोले- पाठ्यक्रम को ग्रंथ मान लिया था