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उत्तराखंड में दलबदल ने फिर बदल दिए दर्जनभर से ज्यादा टिकटों के समीकरण, भाजपा, कांग्रेस के सामने फिर नई चुनौती

भाजपा,कांग्रेस टिकटों को लेकर फिर से करेगी मंथन

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देहरादून, 17 जनवरी। उत्तराखंड में जैसे-जैसे समय निकलता जा रहा है, दावेदारों की धड़कनें बढ़ती जा रही हैं। टिकट को लेकर देहरादून से दिल्ली तक माथापच्ची के बाद भी भाजपा या कांग्रेस कोई भी बड़े दल अपने प्रत्याशियों की सूची पर मुहर नहीं लगवा पाए हैं। इस बीच दलबदल को लेकर शुरू हुआ नया सियासी खेल भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए आने वाले दिनों में सिरदर्द साबित हो सकता है। 70 सीटों पर पैनल तैयार करने के बाद भी अब फिर से दर्जनभर से ज्यादा सीटों पर दोनों दलों को नए सिरे से वर्कआउट करना पड़ सकता है। दोनों दलों को 21 जनवरी के आसपास 70 सीटों पर फाइनल लिस्ट जारी करने का दवाब भी बढ़ता जा रहा है।

 Defection in Uttarakhand again changed the equation of more than a dozen tickets, a new challenge in front of BJP, Congress

हरक ​के आने से कांग्रेस में 6 सीटों पर पड़ सकता है फरक

सबसे पहले बात कांग्रेस की। कांग्रेस ने 50 से ज्यादा सीटों पर सहमति बनाते हुए रविवार तक अपनी पहली सूची जारी करने का दावा किया था, जिसमें हाईकमान की मुहर भी लगने की खबरें भी सामने आ चुकी थी, लेकिन इस बीच हरक सिंह प्रकरण ने कांग्रेस की लिस्ट को लटका दिया है। कांग्रेसी सूत्रों का दावा है कि हरक सिंह के कांग्रेस ज्वाइन की स्थिति में कम से कम 6 सीटों पर फर्क पड़ सकता है। दावा किया जा रहा है कि हरक सिंह डोईवाला से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस में आने के बाद हरक अनुकृति गुंसाई को लैंसडाउन से टिकट दिलवाने को भी वे मजबूत पैरवी करेंगे। इस तरह दो सीटों पर कांग्रेस के समीकरण पूरी तरह से बदल जाएंगे। डोईवाला सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता हीरा सिंह बिष्ट लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं, अगर हरक को डोईवाला से टिकट मिलता है तो हीरा सिंह बिष्ट रायपुर से चुनाव मैदान में लाए जा सकते हैं। लेकिन हरक सिंह के साथ उमेश शर्मा काउ के साथ आने पर रायपुर के सभी समीकरणों पर कांग्रेस को नए सिरे से विचार करना होगा। इसके साथ ही हरक सिंह के करीबियों का दावा है कि हरक सिंह के साथ 3 विधायक कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर नए सिरे से माथापच्ची करनी पड़ सकती है। जिसके बाद कांग्रेस के अंदर ​बगावत हो सकती है।

नैनीताल, कोटद्वार बनी भाजपा के लिए हॉट सीट

अब बात भाजपा की। भाजपा ने देहरादून में कोर ग्रुप की बैठक में सभी 70 सीटों पर पैनल तैयार कर दिल्ली में हाईकमान को लिस्ट सौंपने की तैयारी शुरू की तो हरक सिंह के प्रकरण के बाद पूरी लिस्ट में फेरबदल होना तय है। इसके बाद कांग्रेस की प्रदेश महिला कमेटी की अध्यक्ष सरिता आर्य के भाजपा का दामन थामने के बाद अब नैनीताल सीट पर नया समीकरण बन गया है। हेम आर्य के बाद अब सरिता आर्य भाजपा की संभावित दावेदार मानी जा रही है। जबकि हेम आर्य कई दिनों से नैनीताल में खुद का टिकट पक्का मानकर प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। इतना ही नहीं वे भाजपा से पहले अपना घोषणा पत्र भी जारी कर चुके हैं। ऐसे में अब भाजपा को नैनीताल पर नए सिरे से मंथन करना होगा। इधर हरक सिंह के जाने के बाद कोटद्वार सीट पर एक नया समीकरण बनता हुआ नजर आ रहा है। कोटद्वार चुनाव में हरक सिंह के सबसे खास माने जाने वाले पिछले 30 वर्षों से भाजपा से जुड़े विनोद रावत कोटद्वार से खुद को मजबूत दावेदार बता रहे हैं। हरक के जाने के बाद विनोद रावत सोशल मीडिया में खुलकर अपनी पैरवी कर रहे हैं। भाजपा के सामने इस समय 20 से ज्यादा ऐसी सीटें हैं जिन पर टिकटों को लेकर खींचतान चल रही है। इन सीटों पर भाजपा को प्रत्याशी घोषित करना आसान नहीं है। जो कि आने वाले दिनों में भाजपा के अंदर बगावत के संकेत दे रहे हैं।

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English summary
Defection in Uttarakhand again changed the equation of more than a dozen tickets, a new challenge in front of BJP, Congress
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