उत्तराखंड में कांग्रेस का टिकट बंटवारे का फॉर्मूला आया सामने, पूर्व सीएम हरीश रावत ने खोला राज
पूर्व सीएम हरीश रावत का दावा कांग्रेस में एक टिकट के लिए कई दावेदार
देहरादून, 19 अक्टूबर। उत्तराखंड में कांग्रेस पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है। इसके लिए कांग्रेस में टिकट बंटवारे के फॉर्मूले पर भी होमवर्क शुरू हो गया है। कांग्रेस की उत्तराखंड में चुनाव अभियान की कमान संभाल रहे पूर्व सीएम हरीश रावत ने पहली बार टिकट बंटवारें को लेकर अपना फॉर्मूला सामने रखा है। हरीश रावत का दावा है कि उनके पास योग्य नेता जादा हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में अधिकांश सीटों पर एक से ज्यादा प्रत्याशी है। ऐसे में टिकट की संभावना तलाश रहे व्यक्ति को पार्टी की कुछ शर्तें माननी होगी।
हरीश रावत का दावा हर सीट पर एक से ज्यादा दावेदार
कांग्रेस उत्तराखंड में सत्ता वापसी को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है। इतना ही नहीं कांग्रेस टिकटों के दावेदारों को लेकर भी नए विश्वास के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयारी में जुटी है। ऐसे में पार्टी के अंदर टिकट बंटवारे के फॉर्मूले को लेकर भी लंबे समय से चर्चा चल रही है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल तो पहले ही 32 से ज्यादा सीटों पर टिकट तय होने का दावा कर रहे थे, लेकिन दूसरे खेमे की आपत्ति के बाद वे शांत हो गए। अब हरीश रावत के बयान से एक बार फिर टिकट की आस लगाए हुए कांग्रेसियों को टेंशन देने का काम किया है। हरीश रावत का कहना है कि कांग्रेस में अधिकांश सीटों पर एक से ज्यादा दावेदार हैं। ऐसे में पार्टी एक फॉर्मूले के तहत ही टिकट देगी। इसके लिए पहली शर्त बताते हुए उन्होंने कहा कि जो प्रमुख दावेदार होगा वो दूसरे दावेदार को ये आश्वस्त करेगा कि उसकी राजनीतिक पारी को वह खत्म नहीं होने देगा। साथ ही दूसरे दावेदारों का विश्वास जीतना जरुरी होगा। साफ है कि हरीश रावत ने ये संकेत दिए हैं कि जिन सीटों पर विवाद होगा, वहां पार्टी दूसरे फॉर्मूले पर विचार करेगी। कांग्रेस का दूसरा फॉर्मूला क्या होगा। ये पत्ते अभी हरीश रावत ने खोले नहीं हैं।
बागियों को वापस न ले हाईकमान
भाजपा से कांग्रेस में आने के सवाल पर हरीश रावत ने एक बार फिर बागियों को कटघरे में खड़ा किया है। साथ ही हरीश रावत ने बागियों को कांग्रेस हाईकमान से पार्टी में न लेने की बात की है। हरीश रावत ने कहा है कि भाजपा के अंदर इस समय हड़कंप मचा हुआ हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा में एंटी इंकम्बेंसी के चलते कई विधायकों के टिकट कटने तय हैं। हरीश रावत का दावा है कि ऐसे विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं। हरीश रावत ने बागियों को चुनाव से पहले कांग्रेस में न लेने की बात की हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान को ऐसे लोगों को पार्टी में वापस नहीं लेना चाहिए। हरीश रावत का कहना है कि ऐसे लोग भाजपा में ही सही हैं।
हरक सिंह ने हरीश रावत पर लगाए गंभीर आरोप
दूसरी तरफ हरक सिंह रावत और हरीश रावत के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। हरीश रावत के बार-बार हरक को टारगेट करने के कारण हरक सिंह हरीश रावत पर प्रहार करने में जुटे हैं। अबकी बार हरक सिंह रावत ने हरीश रावत के करीबी लोगों पर चरित्र हनन के मामले में उन को फंसाने की कोशिश का आरोप लगाया है। हरक सिंह रावत का कहना है कि 2016 में जब उन्होंने कांग्रेसी छोड़ी थी तो उसके बाद हरीश रावत के करीबी लोगों ने कई लड़कियों से संपर्क कर पैसे देकर उन पर झूठे आरोप लगाकर फंसाने की कोशिश की। जिसके सबूत उनके पास है। इतना ही नहीं हरक सिंह रावत का कहना है कि 2016 में कांग्रेस छोड़ने के बाद हरीश रावत ने उन्हें जेल में डालने की पूरी कोशिश की लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत को नहीं मिला उनकी सहसपुर की जमीन की जांच भी कराई गई,वहीं उनके विधानसभा स्थित कार्यालय को मुख्यमंत्री रहते हरीश रावत ने खुद बंद करवाया, एक मुख्यमंत्री के नाते हरीश रावत विधानसभा में उनके दफ्तर पर ताला लगाने गए। मुख्यमंत्री रहते हरीश रावत को उस समय यह लगा कि उनके विधानसभा स्थित ऑफिस में पता नहीं कौन सा खजाना छिपा हुआ है। हरक सिंह यहीं नहीं रुके उनका कहना है कि भाजपा ने उनको सम्मान दिया जबकि कांग्रेस में रहते हुए उन्हें फंसाने की कोशिश की गई है और जैनी प्रकरण उसका उदाहरण है।
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